Edited By Anil Kapoor,Updated: 24 May, 2025 09:40 AM

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की अदालत ने शुक्रवार को एक बेहद खौफनाक और सनसनीखेज मामले में फैसला सुनाया। कोर्ट ने नरभक्षी राजा कोलंदर और उसके साले वक्षराज को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोनों पर ढाई-ढाई लाख रुपए का...
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की अदालत ने शुक्रवार को एक बेहद खौफनाक और सनसनीखेज मामले में फैसला सुनाया। कोर्ट ने नरभक्षी राजा कोलंदर और उसके साले वक्षराज को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोनों पर ढाई-ढाई लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
मनोज सिंह और रवि श्रीवास्तव की हत्या का मामला
मिली जानकारी के मुताबिक, यह सजा साल 1999 में हुई दोहरी हत्या के मामले में सुनाई गई है। सूत्रों के मुताबिक, राजा कोलंदर और उसके साले ने मनोज सिंह और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव को लखनऊ से टैक्सी में बैठाकर रायबरेली ले जाया गया। वहां जंगल में ले जाकर दोनों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। बाद में बरगढ़ जंगल से उनकी नग्न लाशें बरामद हुई थीं।
नरकंकाल और खोपड़ी का सूप: डराने वाली सच्चाई
राजा कोलंदर का असली नाम राम निरंजन कोल है और वह प्रयागराज के नैनी इलाके का रहने वाला है। पुलिस को साल 2000 में पत्रकार धीरेन्द्र सिंह की हत्या की जांच के दौरान उसके घर से कई नरकंकाल और इंसानी खोपड़ियां मिलीं। जांच में खुलासा हुआ कि वह खोपड़ियों को उबालकर उनका सूप पीता था, ताकि उसकी मानसिक शक्ति बढ़े।
पत्रकार की हत्या के बाद खुली पोल
धीरेन्द्र सिंह की हत्या के बाद राजा कोलंदर के खिलाफ पुलिस ने कड़ी जांच शुरू की। इसी दौरान उसके सीरियल किलर होने का खुलासा हुआ। राजा पर कुल 14 लोगों की हत्या का आरोप है। वह इतना बेखौफ था कि पत्नी फूलन देवी के चुनाव प्रचार में वह उसी टाटा सूमो का इस्तेमाल करता रहा जो उसने हत्या के बाद लूटी थी।
अजीब नाम, खौफनाक कहानी
राजा कोलंदर के 2 बेटों के नाम 'अदालत' और 'जमानत' हैं। उसका परिवार उसे बेकसूर मानता है, लेकिन उसके इलाके के लोग आज भी उसका नाम सुनकर कांप जाते हैं।
पीड़ित परिवार ने कहा – 'अब भी पूरा न्याय नहीं मिला'
पत्रकार धीरेन्द्र सिंह के परिवार ने कोर्ट के इस फैसले पर संतोष जताया है, लेकिन उनका कहना है कि उन्हें अब भी पूरी तरह न्याय नहीं मिला है। वे चाहते हैं कि राजा कोलंदर को फांसी की सजा दी जाए, क्योंकि उसने जितने जघन्य अपराध किए हैं, उनके लिए उम्रकैद काफी नहीं।