Kushinagar: 20 साल पहले दो सगे भाइयों की हत्या मामले में पिता-पुत्र दोषी करार

Edited By Mamta Yadav,Updated: 12 Oct, 2022 06:22 PM

kushinagar father and son convicted in the murder case of two real brothers

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में दो सगे भाइयों की हत्या के 20 साल पुराने मामले में अपर जिला सत्र न्यायालय (फास्ट ट्रैक कोर्ट) ने आरोपी पिता पुत्र को दोषी करार देते हुए सजा सुनायी है। न्यायाधीश मदनमोहन झा ने बुधवार को इस मामले में दोषी पाए जाने पर...

कुशीनगर: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में दो सगे भाइयों की हत्या के 20 साल पुराने मामले में अपर जिला सत्र न्यायालय (फास्ट ट्रैक कोर्ट) ने आरोपी पिता पुत्र को दोषी करार देते हुए सजा सुनायी है।न्यायाधीश मदनमोहन झा ने बुधवार को इस मामले में दोषी पाए जाने पर पिता को उम्रकैद तथा बेटे को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड की 90 फीसदी राशि मृतक की पत्नी को देय होगा। अर्थदंड न देने पर दोषियों को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इस मामले में दो आरोपियों को अदालत ने सबूतों के अभाव में दोषमुक्त करार दिया।       

17 जनवरी 2001 को हत्या
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी केके पांडेय ने बताया कि हरिगोविंद राव पुत्र जयगोपाल राव निवासी चिउंटहा थाना कसया व मृतकों के रिश्तेदार ने रामकोला पुलिस को 17 जनवरी 2001 को तहरीर में बताया कि मौसेरे भाई हरिनारायण प्रताप राव पुत्र इष्टदेव राव निवासी रामबर बुजुर्ग थाना रामकोला अपने खेत में स्थित बांस की कोठ से बेटे सोनू राव के साथ बांस कटवा रहे थे। तभी बच्चन यादव अपनी लाइसेंसी बंदूक, ब्रजेश यादव तमंचा लेकर और रामाश्रय व छोटे हाथ में फरसा एवं कुल्हाड़ी लिये बांस काटने से मना करने लगे। हरिनारायण ने उनको बताया कि बांस के मालिक होने के कारण वह इसे कटवा रहे हैं। इस पर इन लोगों ने हरिनारायण को पकड़ लिया।

लाइसेंसी बंदूक से हरिनारायण को मारी गोली
शोर मचाने पर मौके पर जीतेंद्र पुत्र इष्टदेव, इष्टदेव पुत्र भूपन तथा भांजा राजेश पुत्र नरेंद्र निवासी मल्लीपुर थाना सहजनवा बचाने पहुंचे। इनके आने पर ब्रजेश ने कट्टे से जीतेंद्र को तथा बच्चन ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से हरिनारायण को गोली मार दी। राजेश, इष्टदेव व सोनू को रामाश्रय व छोटे ने मिलकर कुल्हाड़ी व फरसा से मारा। शोर करने पर गांव के काफी लोग जुट गये। गोली लगने से हरिनारायण राव की मौके पर मौत हो गई और जीतेंद्र को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। विवेचक ने न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया था।

दो साक्ष्य न मिलने के कारण दोषमुक्त
सुनवाई के दौरान कुल 12 गवाह कोर्ट में पेश हुये। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान गुणदोष के आधार पर चार आरोपियों में दो पर आरोप सिद्ध पाया। कोर्ट ने पिता बच्चन यादव पुत्र बंशी यादव को आजीवन कारावास तथा 50 हजार रुपये का अर्थदंड और ब्रजेश यादव पुत्र बच्चन यादव को 10 साल के सश्रम कारावास एवं 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। सुनवाई के दौरान रामश्रय यादव व छोटे यादव पुत्रगण पराहू यादव निवासी रामबर बुजुर्ग को पर्याप्त साक्ष्य न मिलने के कारण दोषमुक्त कर दिया गया।

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