Edited By Anil Kapoor,Updated: 01 Dec, 2024 01:10 PM
Kanpur News: उत्तर प्रदेश में पान मसाला कारोबार में लगातार कर अपवंचना की शिकायतों के बाद राज्य कर विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए 24 नवंबर से पान मसाला फैक्ट्रियों के बाहर 24 घंटे के लिए अधिकारियों को तैनात करना शुरू कर दिया है। यह कदम तब उठाया गया जब...
Kanpur News: उत्तर प्रदेश में पान मसाला कारोबार में लगातार कर अपवंचना की शिकायतों के बाद राज्य कर विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए 24 नवंबर से पान मसाला फैक्ट्रियों के बाहर 24 घंटे के लिए अधिकारियों को तैनात करना शुरू कर दिया है। यह कदम तब उठाया गया जब विभागीय अधिकारियों को यह महसूस हुआ कि जिला स्तर पर पान मसाला कारोबार पर पर्याप्त कार्रवाई नहीं हो रही थी। हालांकि, इस निगरानी के बावजूद ई-वे बिल की संख्या सामान्य दिनों के मुकाबले बहुत कम है, और छोटे कारोबारी इस स्थिति से बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
मुख्यालय से मिले सख्ती के आदेश
पान मसाला कारोबार में कर चोरी के आरोप पहले से ही लगते रहे हैं। इसे रोकने के लिए मुख्यालय स्तर से पिछले एक महीने से ही सख्त आदेश जारी किए गए थे। अधिकारियों को यह चिंता थी कि जिलों में अधिकारियों द्वारा पर्याप्त कार्रवाई नहीं की जा रही थी। इसके बाद, कुछ बड़े अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई और पान मसाला फैक्ट्रियों के बाहर अधिकारियों को तैनात कर दिया गया। इन अधिकारियों का मुख्य कार्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी गाड़ी बिना ई-वे बिल के न निकले।
छोटे कारोबारी हो रहे हैं प्रभावित
फैक्ट्रियों के बाहर 24 घंटे अधिकारियों की तैनाती के बाद, माल की निकासी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। पहले दिन ही ई-वे बिल की संख्या महज 10 प्रतिशत के आसपास रही, लेकिन अब यह संख्या 20 से 25 प्रतिशत के बीच आ गई है। सबसे अधिक प्रभावित वे छोटे कारोबारी हैं जो अक्सर माल बिना ई-वे बिल के निकालते हैं। इसके अलावा, अन्य राज्यों से माल आने की वजह से कानपुर और आसपास के जिलों में पान मसाला की कमी हो गई है।
व्यापारियों का राज्य बदलने पर विचार
छोटे कारोबारी इस स्थिति से परेशान हैं और वे अब दूसरे राज्यों में कारोबार स्थानांतरित करने पर विचार कर रहे हैं। हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में कारोबार स्थानांतरित करने के बारे में बातें की जा रही हैं। यदि यह स्थिति बनी रहती है, तो व्यापारियों का मानना है कि इससे न केवल उनका कारोबार प्रभावित होगा, बल्कि राज्य को होने वाला राजस्व भी घटेगा और यहां के लोगों को रोजगार का नुकसान होगा।
पान मसाला पर 28 प्रतिशत जीएसटी
पान मसाला पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है, जिसमें 14 प्रतिशत राज्य को और 14 प्रतिशत केंद्रीय जीएसटी को जाता है। इसके अलावा, तंबाकू उत्पादों पर 160 प्रतिशत का अतिरिक्त सेस भी लगाया जाता है, जिसके कारण केंद्र का कर संग्रह भी प्रभावित हो सकता है। पान मसाला कारोबार की बिक्री में कमी के कारण राज्य और केंद्र दोनों को राजस्व का नुकसान हो सकता है।
व्यापारियों की चिंता
व्यापारियों का कहना है कि पान मसाला फैक्ट्रियों के बाहर अधिकारियों की तैनाती से व्यापारियों का उत्पीड़न बढ़ गया है। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के वरिष्ठ महामंत्री ज्ञानेश मिश्रा के मुताबिक, यह स्थिति व्यापारियों के लिए मुश्किलें पैदा कर रही है। फीटा के महामंत्री उमंग अग्रवाल का कहना है कि यदि पान मसाला फैक्ट्रियां दूसरे राज्यों में चली जाती हैं, तो इससे यहां के लोग बेरोजगार हो सकते हैं और राज्य को मिलने वाला राजस्व भी घटेगा। इस स्थिति में, राज्य कर विभाग को यह विचार करना होगा कि कैसे छोटे व्यापारियों और राज्य के राजस्व को भी सुरक्षित रखा जा सके।