Edited By Ramkesh,Updated: 14 Jul, 2025 08:14 PM

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को वैश्विक प्रगति के साथ तालमेल बैठाने और उभरती हुई चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए तैयार होना चाहिए।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को वैश्विक प्रगति के साथ तालमेल बैठाने और उभरती हुई चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए तैयार होना चाहिए। आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में एक हजार करोड़ रुपये की विभिन्न स्वास्थ्य परियोजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि केजीएमयू ने अपनी 120 साल की यात्रा में लगातार मील के पत्थर स्थापित किए हैं और भारत में एक प्रतिष्ठित संस्थान बना हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ''किसी संस्थान या व्यक्ति की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वे समय की गति के साथ कितनी अच्छी तरह तालमेल बैठाते हैं। जो पहले से तैयारी करते हैं, वे प्रगति करते हैं। जो ऐसा नहीं करते वे पतन का सामना करते हैं।'' उन्होंने कहा कि केजीएमयू और एसजीपीजीआई (संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान) न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पड़ोसी राज्यों और नेपाल के मरीजों के लिए भी विश्वसनीय केंद्र बन गए हैं। आदित्यनाथ ने इस बात पर जोर दिया कि गुणवत्तापूर्ण इलाज मिलने के यकीन की वजह से लोगों को केजीएमयू और एसजीपीजीआई पर भरोसा है।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवा में प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी प्रकाश डाला और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-कानपुर द्वारा शुरू की गई एक नयी चिकित्सा विज्ञान पहल को एक उत्कृष्टता केंद्र के साथ जोड़ने के प्रयासों की घोषणा भी की। उन्होंने कहा, ''हम आईआईटी कानपुर स्थित चिकित्सा प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र और केजीएमयू तथा एसजीपीजीआई जैसे संस्थानों के बीच सहयोग स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।'' मुख्यमंत्री ने राज्य में चिकित्सा शिक्षा के तेजी से विस्तार पर जोर देते हुए कहा, ''वर्ष 1947 में हमारे पास बहुत कम सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। लेकिन पिछले साल ही 17 कॉलेजों में दाखिले हुए, जिनमें से 13 सरकारी, तीन पीपीपी (निजी-सार्वजनिक भागीदारी) मोड और एक निजी है। आज हम उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में से प्रत्येक में एक मेडिकल कॉलेज खोलने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
आदित्यनाथ ने कहा कि आगे चलकर जिला मेडिकल कॉलेज केजीएमयू जैसे केंद्रों में भीड़भाड़ कम करने के लिए मरीजों की शुरुआती जांच करेंगे। केवल उन्हीं लोगों को लखनऊ रेफर किया जाएगा जिन्हें वास्तव में विशेषज्ञ देखभाल की आवश्यकता होगी। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत की प्रगति पर विचार करते हुए उन्होंने कहा, ''दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से भारत अब चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। पहले देश में केवल एक एम्स था। आज कई एम्स स्थापित हो चुके हैं।
आदित्यनाथ ने राज्य भर में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में तेजी लाने के लिए डबल इंजन सरकार मॉडल (केंद्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार) की भी प्रशंसा की और चिकित्सकों और संस्थानों से स्वास्थ्य सेवा विस्तार को केवल एक सेवा के रूप में नहीं बल्कि एक मिशन के रूप में देखने का आग्रह किया। इस अवसर पर केजीएमयू की कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद ने बताया कि केजीएमयू अत्याधुनिक सुविधाओं से मरीजों का इलाज करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्यू कॉर्डियोलॉजी विंग का उद्धाटन किया। इससे लखनऊ के साथ प्रदेशभर के हृदय रोगियों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि अभी तक हृदय रोगियों को इलाज के लिए एसजीपीजीआई, लोहिया संस्थान और लारी कार्डियोलॉजी पर निर्भर रहना पड़ता था जहां बिस्तरों की सीमित उपलब्धता के कारण मरीजों को अक्सर रेफर करना पड़ता था। वर्तमान में लारी कार्डियोलॉजी में मात्र 84 बिस्तर उपलब्ध हैं और अधिकतर समय कोई भी बिस्तर खाली नहीं रहता है। अब नए भवन के शुरू होने से इसमें 92 आईसीसीयू नये बिस्तर जुड़ गए हैं जिससे कुल क्षमता 176 बिस्तरों तक पहुंच गई है।