Edited By Ramkesh,Updated: 02 Sep, 2024 02:38 PM
देश के कई राज्यों में अपराधियों पर हो रही बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। कहा कि किसी भी व्यक्ति का मकान सिर्फ इसलिए कैसे ढहाया जा सकता है कि वह एक आरोपी है। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे पर दिशा निर्देश...
लखनऊ/ नयी दिल्ली: देश के कई राज्यों में अपराधियों पर हो रही बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। कहा कि किसी भी व्यक्ति का मकान सिर्फ इसलिए कैसे ढहाया जा सकता है कि वह एक आरोपी है। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे पर दिशा निर्देश निर्धारित करने का प्रस्ताव रखती है। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने ध्वस्तीकरण कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिकाओं पर कहा, "भले ही वह दोषी हो, फिर भी कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना ऐसा नहीं किया जा सकता।
हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि वह किसी भी अनधिकृत निर्माण को संरक्षण नहीं देगा। पीठ ने कहा, "हम अखिल भारतीय आधार पर कुछ दिशा-निर्देश निर्धारित करने का प्रस्ताव करते हैं, ताकि उठाए गए मुद्दों के संबंध में चिंताओं का समाधान किया जा सके।"
आप को बता दें कि योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कानपुर में गैंगस्टर विकास दुबे के घर पर बुलडोजर से ढहाया उसके बाद सरकार की खूब तारीफ हुई थी, उसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने भी 'बुलडोजर' नीति लागू कर दी थी। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट इस कार्रवाई को गैरकानूनी बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर के लिए तय कर दी।