Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 17 Mar, 2022 10:01 AM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के निजी स्कूलों में शुल्क वृद्धि पर लगी पाबंदी को हटाने पर विचार करने में राज्य सरकार की विफलता पर चिंता जाहिर करते हुए मामले की अगली सुनवाई की तिथि 11 अप्रैल नियत की है...
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के निजी स्कूलों में शुल्क वृद्धि पर लगी पाबंदी को हटाने पर विचार करने में राज्य सरकार की विफलता पर चिंता जाहिर करते हुए मामले की अगली सुनवाई की तिथि 11 अप्रैल नियत की है। न्यायमूर्ति ए. आर. मसूदी और न्यायमूर्ति एन. के. जौहरी की पीठ ने एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स द्वारा फाइल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अदालत द्वारा दिए गए किसी भी निर्देश का संज्ञान लेना राज्य सरकार का कर्तव्य है। अदालत ने कहा, "राज्य सरकार की नीति असाधारण परिस्थितियों में बनी जिससे बड़े पैमाने पर शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई।
इस पर अब जिम्मेदारी की भावना के साथ विचार किया जाना चाहिए ताकि सार्वजनिक हित और पीड़ित पक्ष के वैधानिक अधिकारों के बीच संतुलन बनाया जा सके।" पीठ ने जोर देकर कहा कि राज्य को मौजूदा शैक्षणिक सत्र में निजी स्कूलों पर फीस बढ़ाने पर प्रतिबंध लगाने के अपने आदेश पर फिर से विचार करना चाहिए। न्यायालय ने पिछली 16 फरवरी को पहले जारी किए गए आदेश के आलोक में इस मुद्दे पर विचार करने के लिए राज्य को और समय देने की अनुमति देते हुए कहा, “हमें उम्मीद और विश्वास है कि पहले से पारित आदेश में की गई टिप्पणियों के आलोक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा और आगामी 31 मार्च को या उससे पहले राज्य द्वारा सूचीबद्ध करने की अगली तारीख पर अदालत को अवगत कराया जाएगा।”
याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार के पिछली सात जनवरी के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें उसने निजी स्कूलों पर कोविड-19 महामारी की वजह से पैदा हुए हालात के कारण फीस बढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। याचिकाकर्ता की ओर से यह प्रस्तुत किया गया था कि जनवरी का आदेश प्रतिष्ठानों और संस्थानों के सामान्य व्यवसाय को बंद करने के लिए पारित किया गया था, लेकिन अब सरकार ने 11 फरवरी, 2022 को एक और अन्य सभी प्रतिष्ठानों और संस्थानों को खोलने का आदेश जारी किया और ऐसे में निजी स्कूलों में फीस वृद्धि पर रोक जारी रखने का कोई औचित्य नहीं है। स्कूलों की याचिका की पोषणीयता को देखते हुए पीठ ने पिछली 16 फरवरी को कहा था कि उसे उम्मीद है कि राज्य सरकार 11 फरवरी के आदेश तक स्कूलों को खोलने के मद्देनजर फीस वृद्धि पर प्रतिबंध पर पुनर्विचार करेगी।