Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 08 Aug, 2022 05:33 PM

पूर्व सांसद उमाकांत यादव को सिपाही हत्यकांड में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। उमाकांड के साथ अन्य 7 दोषियों को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। वहीं उमांकात को कोर्ट ने...
लखनऊ: पूर्व सांसद उमाकांत यादव को सिपाही हत्यकांड में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। उमाकांत के साथ अन्य 7 दोषियों को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। वहीं उमांकात को कोर्ट ने 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है। चौंकाने वाली बात ये है कि इस केस में अब तक 598 सुनवाई हो चुकी है। अदालत में 598 सुनवाइयों और 27 साल बाद ये फैसला आया है।
दरअसल, 4 फरवरी 1995 जीआरपी सिपाही हत्या की गई थी। इस मामले में सात आरोपियों पर पुलिस हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। जिसमें से पूर्व सांसद उमाकांत यादव को भी कोर्ट ने हत्या का आरोपी माना है। गौरतलब है कि उमाकांत यादव 1991 में बीएसपी से खुटहन विधानसभा से विधायक बने। इसके बाद 1993 में वे सपा बसपा गठबंधन से दूसरी बार इसी सीट से विधायक चुने गए।
1996 के चुनाव में सपा बसपा गठबंधन टूटने के बाद उमाकांत यादव बीएसपी छोड़ समाजवादी पार्टी से विधायक बने। 2002 के विधान सभा चुनाव में उमाकांत यादव ने बीजेपी-जदयू गठबंधन से खुटहन से चुनाव लड़ा, लेकिन बसपा प्रत्याशी शैलेंद्र यादव ललई से हार गये। 2004 लोकसभा चुनाव में उमाकांत यादव जेल बंद रहते हुए एक बार फिर से मछलीशहर से बीएसपी के टिकट पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केसरी नाथ त्रिपाठी को हराकर सांसद बने थे।