UP के इस मंदिर में शराब से होती है पूजा, 7 रविवार लगातार आने से भक्तों की हर मनोकामना होती है पूरी

Edited By Anil Kapoor,Updated: 04 Dec, 2023 12:26 PM

farrukhabad news in this temple of up worship is done with alcohol

Farrukhabad News: उत्तर प्रदेश में फर्रुखाबाद जिले में स्थित इस मंदिर में शराब से पूजा होती है। 7 रविवार लगातार इस मंदिर में आने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं फर्रुखाबाद के बाबा भैरवनाथ मंदिर की जो फर्रुखाबाद के...

(दिलीप कटियार) Farrukhabad News: उत्तर प्रदेश में फर्रुखाबाद जिले में स्थित इस मंदिर में शराब से पूजा होती है। 7 रविवार लगातार इस मंदिर में आने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं फर्रुखाबाद के बाबा भैरवनाथ मंदिर की जो फर्रुखाबाद के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। जोकि पांचाल घाट के पास में ही स्थित है। बाबा भैरव नाथ जी शिव शंकर जी के ही अवतार हैं। यह मंदिर बाबा भैरव नाथ जी और महाकाली को समर्पित है और महाकाली जी पार्वती जी के अवतार हैं।

इस मंदिर में शराब से होती है पूजा, भक्तों की होती है हर मनोकामना पूर्ण
मिली जानकारी के मुताबिक, वैष्णो माता दरबार और काशी की फर्रुखाबाद में भी भैरव बाबा अपने स्वरूप में विराजमान हैं। यहां पर काली माता की प्रतिमा भी स्थापित की गई है। भगवान शिव का रौद्र रूप माने जाने वाले काल भैरव के नाम में काल का मतलब है मृत्यु, भय और अंत, जबकि भैरव का अर्थ है जिसे डर पर जीत हासिल हो। मान्यता है कि काल भैरव का पूजन करने से मृत्यु का डर दूर होता है और दुखों से मुक्ति मिल जाती है। इस मंदिर में हजारों भक्त रोजाना आते हैं और भैरव बाबा के दर्शन करते हैं। यह मंदिर विश्रान्त घाट समीपवर्ती बना हुआ है। शनिवार, मंगलवार और रविवार को विशेष रूप से भक्तगण यहां आते हैं। विश्रान्त घाट समीपवर्ती मशहूर भैरव मंदिर पर प्रत्येक रविवार को बड़ी संख्या में भैरव श्रद्धालु की भीड़ पूजा अर्चना के लिए आती है। वहीं पूर्णिमा व अमावस्या तथा गंगा दशहरा आदि स्नान पर्वों पर भी गंगा श्रद्धालुओं द्वारा गंगा में डुबकी लगाने के लिए यहां एकत्र होते हैं।

यह मंदिर करीब 100 साल पुराना है: पुजारी पंकज शुक्ला
मंदिर के पुजारी पंकज शुक्ला ने बताया कि यह मंदिर करीब 100 साल पुराना है। इसका सबसे बड़ा इतिहास यह है कि भक्त आस्था से जो भी मनोकामना लेकर आता है वो जरूर पूरी होती है। उन्होंने कहा कि यहां मंगलवार और शनिवार को भक्तों की अधिक भीड़ होती है। 7 रविवार लगतार इस मंदिर में आने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है। रविवार को बाबा को विशेष भोग लगता है भोग में उन्हें मदिरा,काली दाल के दही बड़े का प्रसाद चढ़ाया जाता है। इस मंदिर में दर्शन करने से हर समस्या दूर हो जाती है।

मंदिर में बाबा भैरव नाथ की मूर्ति के साथ-साथ सभी भगवानों की प्रतिमा 
पुजारी का कहना है कि  बाबा के नाम से अगर झंडा लगाया जाता है तो शारिरिक समस्या से भी छुटकारा मिल जाता है। मंदिर में बाबा भैरव नाथ की मूर्ति के साथ-साथ सभी भगवानों की प्रतिमा है। वहीं दुर्गा माता, हनुमान जी की बड़ी प्रतिमा मंदिर में स्थापित की गई है। मंदिर में भक्तगण बाबा के दर्शन कर आशीर्वाद लेते हैं उसके बाद सभी के दर्शन करते हैं। साल में अगहन कृष्ण पक्ष अष्ठमी को विशाल हवन होता है और इस हवन में दूर-दूर से लोग अपनी पूर्ण आहुति देने जरूर आते हैं। आसपास के जिलों के लोग भी इस मंदिर में आते हैं। हवन होने के बाद यहां विशाल भंडारा भी होता है। विशाल भंडारे में लोग जगह-जगह से आकर प्रसाद ग्रहण करते हैं।

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