Edited By Imran,Updated: 30 Jul, 2025 05:36 PM

बरेली कैंटोनमेंट बोर्ड को आज यानि बुधवार को एक नई ऊर्जा और दूरदर्शी नेतृत्व की सौगात मिली है। डॉ. तनु जैन, जिन्होंने आज कैंट बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) का कार्यभार ग्रहण किया, वो सिर्फ एक प्रशासनिक अधिकारी नहीं बल्कि एक संवेदनशील,...
बरेली ( जावेद खान ) : बरेली कैंटोनमेंट बोर्ड को आज यानि बुधवार को एक नई ऊर्जा और दूरदर्शी नेतृत्व की सौगात मिली है। डॉ. तनु जैन, जिन्होंने आज कैंट बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) का कार्यभार ग्रहण किया, वो सिर्फ एक प्रशासनिक अधिकारी नहीं बल्कि एक संवेदनशील, नवोन्मेषी और प्रेरणादायक व्यक्तित्व की मिसाल हैं।
पंजाब केसरी को दिए गए अपने पहले बेबाक इंटरव्यू में उन्होंने जिस सहजता, स्पष्टता और आत्मविश्वास से अपने विज़न को प्रस्तुत किया, उससे यह साफ हो गया कि छावनी क्षेत्र का भविष्य अब मजबूत और सुनियोजित हाथों में है।
“एसी ऑफिस नहीं, ज़मीन पर काम में विश्वास है”
डॉ. जैन ने कहा – “मेरी प्राथमिकता कभी भी कुर्सी पर बैठकर आदेश देना नहीं रही। मेरी कार्यशैली रही है – मौके पर जाकर ज़मीनी हकीकत समझना, लोगों से संवाद करना और मिलकर समाधान खोजना।”
मेरठ से लेकर बरेली तक का प्रेरणास्पद सफर
डॉ. तनु जैन मेरठ में जन्मी, और बचपन से ही उनकी रुचि चिकित्सा, अध्यात्म और जनसेवा में रही। एक डॉक्टर बनने के बाद उन्होंने UPSC परीक्षा पास कर प्रशासनिक सेवा में एक ऊँचा मुकाम हासिल किया। वह आज देशभर में महिला नेतृत्व, आयुर्वेद आधारित जनकल्याण, भारतीय ज्ञान परंपरा (IKS) और गर्भ संस्कार जैसे विषयों पर विशेषज्ञ मानी जाती हैं। वे भारतीय महिला सशक्तिकरण और सनातन संस्कृति की गहरी समझ के साथ, आधुनिक प्रशासन का एक आदर्श संगम हैं।
बरेली कैंट में नई योजनाओं की शुरुआत
कार्यभार संभालते ही डॉ. जैन ने स्पष्ट किया कि बरेली कैंटोनमेंट बोर्ड का कायाकल्प उनकी प्राथमिकता में है। वे केवल योजनाओं की घोषणा नहीं, मूल से बदलाव लाने वाली क्रियान्वयनपरक रणनीतियों पर विश्वास रखती हैं।
मुख्य घोषणाएं:
- नकटिया नदी की सफाई अभियान – एक पर्यावरणीय पहल जो शहर के जल स्रोत को पुनर्जीवित करेगी।
- धोपेश्वरनाथ मंदिर के फूलों से अगरबत्ती निर्माण – सस्टेनेबल मॉडल जो स्वच्छता, महिला स्व-रोजगार और धार्मिक आस्था को जोड़ेगा।
- पब्लिक टॉयलेट और हाइजीन व्यवस्था – सभी क्षेत्रों में स्वच्छता सर्वोपरि होगी।
- स्पीड ब्रेकर व स्कूल सुरक्षा – विद्यार्थियों और नागरिकों की सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम।
- कैंट क्षेत्र के बाजारों का पुनर्विकास – व्यापारी हितों और सौन्दर्यीकरण का सामंजस्य।
- ‘शोभा वाटिका’ और ‘नक्षत्र वन’ की कल्पना – आयुर्वेदिक, आध्यात्मिक और जैविक संतुलन के प्रतीक वनक्षेत्र।
समावेशी और उत्तरदायी प्रशासन की नई परिभाषा
डॉ. तनु जैन ने पंजाब केसरी से कहा कि – “हर नागरिक की भागीदारी से ही अच्छे प्रशासन की नींव पड़ती है। मैं चाहती हूं कि छावनी क्षेत्र का हर नागरिक अपनी समस्याएं, सुझाव और भावनाएं सीधा मुझसे साझा कर सके।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि व्यापार मंडल, युवाओं, बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों – सभी के लिए विशिष्ट कार्यक्रमों की शुरुआत की जाएगी।
जनसेवा उनका कर्म है, प्रशंसा नहीं लक्ष्य
डॉ. जैन का मानना है कि प्रशासनिक पद अधिकार नहीं, एक जिम्मेदारी है। उन्होंने पूर्व में भी अपने हर कार्यक्षेत्र में यही सिद्धांत अपनाया है और इसी से उन्हें देश भर में एक ईमानदार, जनसेवक और साहसी अधिकारी के रूप में पहचान मिली है। बरेली कैंट के नागरिकों में उनके नेतृत्व को लेकर आशा और उत्साह की लहर है। उनकी पारदर्शी सोच, संवेदनशील दृष्टिकोण और ठोस निर्णय क्षमता से बरेली कैंट अब न केवल एक आदर्श छावनी, बल्कि उत्तर भारत का एक मॉडल प्रशासनिक क्षेत्र बन सकता है। “मैं चाहती हूं कि बरेली कैंट बोर्ड की हर योजना, हर नीति और हर निर्णय – जनता के जीवन में सीधे सकारात्मक परिवर्तन लाए।