भारतीय स्टेट बैंक में करोड़ों रुपए का घोटाला, पीड़ित ग्राहकों ने पैसा वापसी के लिए लगाया धरना

Edited By Anil Kapoor,Updated: 28 Jun, 2019 11:51 AM

crores rupees scam in state bank of india

भारतीय स्टेट बैंक में ग्राहकों के खाते से करोड़ों रुपए फर्जी तरीके से निकालने का पर्दाफाश होने पर पीड़ित ग्राहकों द्वारा राशि वापसी के लिए बैंक के सामने धरना दिया गया। एसडीएम जानसठ के 20 दिन में राशि वापसी के आश्वासन पर धरना समाप्त किया गया।

 

मुजफ्फरनगर: भारतीय स्टेट बैंक में ग्राहकों के खाते से करोड़ों रुपए फर्जी तरीके से निकालने का पर्दाफाश होने पर पीड़ित ग्राहकों द्वारा राशि वापसी के लिए बैंक के सामने धरना दिया गया। एसडीएम जानसठ के 20 दिन में राशि वापसी के आश्वासन पर धरना समाप्त किया गया। इस कांड में बैंक प्रशासन द्वारा शाखा प्रबंधक सहित 3 लोगों को सस्पेंड किया गया है। जनपद गांव ककरौली में भारतीय स्टेट बैंक की शाखा है जिसमें शाखा प्रबंधक व अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत से ग्राहकों के खाते से करोड़ों रुपए की रकम फर्जी हस्ताक्षरों से निकल ली गई। यह खेल स्टेट बैंक की शाखा में लगभग एक साल से चल रहा था।

बैंक प्रबंधक चन्द्रमोहन शर्मा पर आरोप है कि उसने बैंक कर्मचारियों के साथ मिल कर ग्राहकों के खाते से पैसा निकालने के लिए बैंक की नैट कनैक्टेविटी को बाधित करवाया था। इस कारण किसी भी ग्राहक की पासबुक में राशि जमा व निकालने का ब्यौरा प्रिंट नहीं हो सका। ग्राहकों से लेन-देने सादे कागज पर कर दिया जाता था और बैंक का कार्य किसी अन्य शाखा में जाकर कम्प्यूटर खोल कर किया जाता था। बैंक द्वारा पूछे जाने पर नैट कनैक्टेविटी का न आना बताया जाता था। इसके लिए बी.एस.एन.एल. को शिकायत की जाती थी जिसके फलस्वरूप टैलीफोन कर्मचारी नैट कनैक्शन ठीक करता था और चला जाता था, मगर फिर नैट कनैक्शन के साथ छेड़छाड़ की जाती थी और फिर खराब कर दिया जाता था।

इस खेल का खुलासा तब हुआ जब किसी ग्राहक ने अपनी पासबुक किसी अन्य शाखा में जाकर प्रिन्ट कराई तो उसके खाते से निकाली गई रकम भी प्रिन्ट हो गई जिससे उसके पैरों तले की जमीन खिसक गई। इन ग्राहकों में जावेद के खाते से लगभग 9 लाख रुपए निकाले गए बताए जाते हैं। सतीश के खाते से भी लगभग 5 लाख रुपए निकाले गए बताए गए हैं। इसके साथ यूनुस के खाते से भी 3 लाख के लगभग रुपए की निकासी हुई बताई गई है। इस तरह के लगभग 100 ग्राहकों की संख्या बताई जा रही है। इसकी शिकायत ग्राहकों द्वारा भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय नोएडा को की गई जिसमें प्रारम्भिक जांच के बाद ग्राहकों की शिकायत सही पाई गई और बैंक प्रशासन ने शाखा प्रबंधक चन्द्रमोहन के साथ 3 अन्य कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है और एक जांच टीम शाखा में जांच के लिए बैठा दी गई है ।

बैंक द्वारा की गई इस कार्रवाई से असंतुष्ट ग्राहकों ने किसान नेता संजीव तोमर के नेतृत्व में बैंक के सामने धरना दिया। धरने में बैंक से ग्राहकों का पैसा वापस करने की मांग की गई है। धरने की सूचना पर एसडीएम जानसठ अजय कुमार अम्बष्ट सीओ पुलिस के साथ धरने पर पहुंचे और धरनारत लोगों से वार्ता कर 20 दिन के अन्दर पीड़ितों को पैसा वापस करने का आश्वासन दिया। इस पर धरना समाप्त किया गया।

बैंक प्रबंधक व उसके साथी की जमानत याचिका खारिज
भारतीय स्टेट बैंक शाखा ककरौली में खातेदारों के करोड़ों रुपए के घोटाले के मामले में निलंबित किए शाखा प्रबंधक चन्द्र मोहन शर्मा सहित 2 आरोपियों की जिला जज अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी है। शाखा प्रबंधक चन्द्रमोहन व कंटीन ब्वॉय मनोज ने जिला जज की अदालत में अग्रिम जमानत की याचिक दाखिल की थी जिसका जिला शासकीय अधिवक्ता दुष्यन्त त्यागी ने विरोध किया और घोटाले की वस्तुस्थिति से अदालत को अवगत कराया। दोनों पक्षों की बहस व सबूतों पर गौर करते हुए जिला जज संजय कुमार पचौरी ने स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक चन्द्र मोहन शर्मा व कंटीन ब्वॉय मनोज कुमार की अग्रिम जमानत यााचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि यह संगीन मामला है।

चन्द्र मोहन शर्मा व कंटीन ब्वॉय मनोज कुमार ने यह कहते हुए जमानत मांगी थी कि अभी तक मामला पुलिस में दर्ज नहीं हुआ है क्योंकि बैंक द्वारा जांच की जा रही है। इसी को देखते हुए अग्रीम जमानत प्रावधान में जिला जज की अदालत में दाखिल कर जमानत मांगी थी। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में गत 6 जून से अग्रीम जमानत का प्रावधान लागू हुआ है और मुजफ्फरनगर की जिला अदालत में पहली अर्जी पर निर्णय हुआ है।

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