Edited By Anil Kapoor,Updated: 04 Mar, 2021 04:28 PM

उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए पेश बजट को पारित कराए जाने के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि आगामी पंचायत...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए पेश बजट को पारित कराए जाने के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि आगामी पंचायत चुनाव में व्यस्तता और देश के कुछ राज्यों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर 10 मार्च तक चलने वाली सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया जाएगा।
सदन में विपक्ष के नेता रामगोविंद चौधरी ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए कहा कि विधानसभा सदस्यों को पंचायत चुनाव नहीं लड़ना है और सदन की कार्यवाही पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक आगामी 10 मार्च तक चलाई जा सकती है। सदन में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता लालजी वर्मा और कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने भी नियमों का हवाला देते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही जारी रहनी चाहिए क्योंकि इस वक्त कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने का कोई कारण नहीं बनता।
हालांकि संसदीय कार्य मंत्री ने वर्ष 1991, 2006 और 2009 का उदाहरण दिया और कोविड-19 के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए बजट पारित कराने की प्रक्रिया जारी रखी। इसके विरोध में समाजवादी पार्टी, बसपा, कांग्रेस और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सदस्यों ने सरकार पर मनमानी का आरोप लगाते हुए सदन से बहिर्गमन किया। उसके बाद बजट तथा उससे संबंधित विधेयक ध्वनि मत से पारित घोषित कर दिए गए। इस दौरान उत्तर प्रदेश लोक सेवा शारीरिक विकलांग स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित और भूतपूर्व सैनिक आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2021 तथा उत्तर प्रदेश शीरा नियंत्रण बिल 2021 को भी पारित कर दिया गया।