Boycot Turkey: तुर्की के साथ इस देश का भी बूरा हाल...भारत से पंगा लेना पड़ा भारी, कई कारोबार पर लगा प्रतिंबध

Edited By Imran,Updated: 14 May, 2025 05:54 PM

boycot turkey along with türkiye azerbaijan also did bad things

भारत-पाक में तनाव के बीच अब तुर्की और अजरबैजान का नुकसान होने जा रहा है। दरअसल, बताया जा रहा है कि व्यापारिक संबंधों में तनाव आने की आशंका है, क्योंकि इन दोनों देशों ने पाकिस्तान का समर्थन किया है और वहां आतंकी ठिकानों पर भारत के हालिया हमलों की...

Boycot Turkey: भारत-पाक में तनाव के बीच अब तुर्की और अजरबैजान का नुकसान होने जा रहा है। दरअसल, बताया जा रहा है कि व्यापारिक संबंधों में तनाव आने की आशंका है, क्योंकि इन दोनों देशों ने पाकिस्तान का समर्थन किया है और वहां आतंकी ठिकानों पर भारत के हालिया हमलों की निंदा की है।

पाकिस्तान के समर्थन में खड़े होने के बाद से भारत में तुर्की का बहिष्कार किया जाने लगा था। अब, ईज़माईट्रिप और इक्सिगो जैसे ऑनलाइन यात्रा मंच ने इन देशों की यात्रा के खिलाफ परामर्श जारी किया है। वास्तव में, भारतीय कारोबारियों ने भी तुर्किये के सेब और संगमरमर जैसे उत्पादों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान को तुर्की ने मिसाइल से लेकर ड्रोन तक देने में मदद की थी। उसके बाद से ही भारत में दोनों देशों को बॉयकॉट किया जाने लगा। भारत में बॉयकॉट तुर्की और अजरबैजान का कैंपेन चलने लगा. लेकिन क्या आप जानते हैं इस बॉयकॉट का असर अजरबैजान पर कितना पड़ेगा।

गौरतलब है कि भारत के लिए 22 अप्रैल एक काला दिन था वो जख्म आज भी नहीं भरा है। कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए सात मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इसके बाद पाकिस्तान द्वारा किए गए आक्रमण का जवाब ऑपरेशन सिंदूर के तहत दिया गया।

तुर्की के समर्थन को आतंकवाद का समर्थन बताया
वहीं, फल मंडी के व्यापारियों का कहना है कि तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन कर भारत के खिलाफ सीधी स्थिति ले ली है। व्यापारियों ने इस कदम को राष्ट्रहित में उठाया गया निर्णय बताया है। साहिबाबाद फल मंडी के एक प्रमुख फल व्यापारी ने मीडिया से बातचीत में कहा, "हमें समाचार माध्यमों से पता चला कि तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया है। पाकिस्तान, जो आतंकवाद को बढ़ावा देता है, उसका साथ देना मतलब आतंकवाद का समर्थन करना है।" व्यापारी ने आगे कहा कि अगर कोई देश भारत विरोधी ताकतों का साथ देता है, तो उससे व्यापार करना देश के सम्मान के खिलाफ है।

1200–1400 करोड़ का होता है व्यापार
साहिबाबाद फल मंडी के अनुसार, हर साल तुर्की से लगभग 1200 से 1400 करोड़ रुपये के सेब और अन्य फलों का आयात किया जाता है। लेकिन अब यह व्यापार पूरी तरह से बंद किया जाएगा। फल व्यापारियों ने साफ कहा कि अब तुर्की से कोई भी फल नहीं खरीदे जाएंगे और न ही उनके उत्पाद मंडी में बिकने दिए जाएंगे।

 

 

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