BJP के कुशासन ने एंबुलेंस को बना दिया 'बुल'ऐंस', 'यूपी में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर अखिलेश यादव का तंज

Edited By Ramkesh,Updated: 27 Oct, 2025 05:23 PM

bjp s misrule has turned ambulances into bullets  akhilesh yadav

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को भाजपा की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की। हमीरपुर जिले में एक 23 साल की गर्भवती महिला को कीचड़ और पानी से भरी कच्ची सड़क पर बैलगाड़ी में अस्पताल ले जाना पड़ा, क्योंकि कथित तौर पर...

हमीरपुर/लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को भाजपा की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की। हमीरपुर जिले में एक 23 साल की गर्भवती महिला को कीचड़ और पानी से भरी कच्ची सड़क पर बैलगाड़ी में अस्पताल ले जाना पड़ा, क्योंकि कथित तौर पर एम्बुलेंस उसके गांव तक नहीं पहुंच पाई। यादव ने राज्य सरकार पर “एम्बुलेंस को बैलगाड़ी में बदलने” का आरोप लगाया और विकास के उसके दावों पर सवाल उठाया। इसके साथ ही सपा प्रमुख ने ‘एक्स' पर घटना का एक वीडियो भी साझा किया ।

क्या ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बैलगाड़ी खींचेगी
यादव ने लिखा, ''भाजपा के कुशासन ने एंबुलेंस को ‘बुल'ऐंस बना दिया है। उप्र में एंबुलेंस की जगह बैलगाड़ी चलने लगी है। क्या ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बैलगाड़ी खींचेगी। अगली बार मुख्यमंत्री जी जब फ़सल का मुआयना करने निकलें तो नीचे सड़क और एंबुलेंस का हाल भी देख लें। अगर न दिखाई दे तो दिल्ली की दूरबीन या ड्रोन का सदुपयोग कर लें।'

बीमार लोगों की मुश्किलों में तो अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराएं
उन्होंने कहा, '‘स्वास्थ्य मंत्री' महोदय अगर नामपट्टिका तक सीमित नहीं कर दिये गये हैं तो ‘समारोह' में न सही, कम-से-कम बीमार लोगों की मुश्किलों में तो अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराएं।'' यह घटना शनिवार को हमीरपुर के मौदहा प्रखंड के परसदवा डेरा गौ घाट छानी गांव में हुई, जहां रेशमा को प्रसव पीड़ा हुई थी । कीचड़ वाली ज़मीन की वजह से एम्बुलेंस फंस जाने के बाद, उसके 60 साल के ससुर कृष्ण कुमार केवट उसे बैलगाड़ी पर लगभग सात किलोमीटर दूर सिसोलोर स्वास्थ्य केंद्र ले गए। दलदली और ऊबड़-खाबड़ रास्ते से गुज़रने में लगभग तीन घंटे लगे। 

 कच्ची सड़क कीचड़ की वजह से गांव में नहीं गई  एंबुलेंस 
डॉक्टरों ने परिवार को बताया कि प्रसव में अभी दो दिन बाकी हैं और शुरुआती इलाज के बाद उसे छुट्टी दे दी गयी। स्थानीय लोगों ने कहा कि इलाके के लगभग 500 लोगों को हर मानसून में ऐसी ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है क्योंकि कच्ची सड़क कीचड़ भरे दलदल में बदल जाती है, जिससे वे आस-पास के शहरों से अलग हो जाते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता अरुण निषाद ने कहा, "इमरजेंसी में, हमारे पास मरीज़ों को अपने कंधों या बैलगाड़ियों पर ले जाने के अलावा कोई चारा नहीं होता है।

सड़क निमार्ण को लेकर गांव वाले कई बार कर चुके हैं मांग 
उन्होंने आगे कहा कि ग्रामीणों ने मार्च 2024 में एक अच्छी सड़क की मांग को लेकर छह दिन तक विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा कि उस समय के उप जिलाधिकारी ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि लोकसभा चुनाव के बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा, लेकिन एक साल से ज़्यादा समय बीत जाने के बाद भी कोई काम शुरू नहीं हुआ है। गांव वालों ने दावा किया कि उन्होंने अब जिला प्रशासन, स्थानीय विधायक से दखल देने और उनके गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली पक्की सड़क बनवाने की अपील की है। इस मामले पर जवाब के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों से तुरंत संपर्क नहीं हो सका। 

Related Story

Trending Topics

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!