Edited By Ajay kumar,Updated: 12 Dec, 2019 06:39 PM
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आए दिन कोई न कोई विवाद खड़ा होता दिख रहा है। कभी राजनीतिक कारण तो कभी छात्रों का असंतोष प्रदर्शन। अभी हाल ही में कई दिनों तक बीएचयू में...
वाराणसीःकाशी हिंदू विश्वविद्यालय में आए दिन कोई न कोई विवाद खड़ा होता दिख रहा है। कभी राजनीतिक कारण तो कभी छात्रों का असंतोष प्रदर्शन। अभी हाल ही में कई दिनों तक बीएचयू में डॉ फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर छात्रों का बवाल रहा, जो अब उनके इस्तीफ़े के बाद थमता दिख रहा है। ऐसे में फिर से एक नए विवाद ने जन्म ले लिया है। जी हां वह है बीएचयू में मिर्जापुर के बरकच्छा स्थित राजीव गांधी साउथ कैंपस के नाम बदलने को लेकर।बता दें कि साउथ कैंपस का नाम बदलने को लेकर बीएचयू कोर्ट में प्रस्ताव आया है।
मामले में कांग्रेस की तरफ से इस प्रस्ताव पर ऐतराज जताया गया है और इस संबंध में कुलाधिपति को पत्र लिखा गया है।
यूपी कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य हरीश मिश्रा इस मामले में कहते हैं कि ये भारत रत्न राजीव गांधी का अपमान है। राजीव गांधी देश की सूचना क्रांति के दूत कहे जाते हैं। कम्पयूटर की देश में शुरुआत और शिक्षा में सुधार कांग्रेस की सरकारों के दौरान ही हुआ। इस तरह से नाम बदलकर गलत हो रहा है। इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है। हरीश ने आगे कहा नरेंद्र मोदी की सरकार और बीजेपी की सोच गांधी के विचारों से नफरत करती है। इसी नफरत की देन है कि मिर्जापुर के राजीव गांधी साउथ कैंपस का नाम बदलने की कोशिश है।
हरीश मिश्रा आगे कहते हैं कि हर चीजों का नाम बदलते रहते हैं। लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता पर इनकी विचारधारा काम क्यों नहीं कर पा रही है। भारतीय जनता पार्टी के अंदर पढ़े लिखे लोग नहीं है। अब कुछ नहीं बचा तो बीजेपी शिक्षा क्षेत्र में भी हिंसा का नया आयाम देने पर आमादा है। गांधी से जुड़ी हर चीजों को ये हर हाल में खत्म कर देना चाहते हैं।