Edited By Mamta Yadav,Updated: 23 Nov, 2024 02:32 AM
उत्तर प्रदेश की मीरापुर विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को हुए उपचुनाव में जमकर हंगामा बरपा था। जिसने उत्तर प्रदेश की राजनीति को गर्मा दिया था। अब जब आज 23 नवंबर को मतगणना होनी है तो उससे ठीक पहले मुजफ्फरनगर में समाजवादी पार्टी के द्वारा चुनाव आयोग को एक...
Muzaffarnagar News, (अमित कुमार): उत्तर प्रदेश की मीरापुर विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को हुए उपचुनाव में जमकर हंगामा बरपा था। जिसने उत्तर प्रदेश की राजनीति को गर्मा दिया था। अब जब आज 23 नवंबर को मतगणना होनी है तो उससे ठीक पहले मुजफ्फरनगर में समाजवादी पार्टी के द्वारा चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर 52 बूथों पर रिपोलिंग कराए जाने की मांग की गई है। जिसमे समाजवादी पार्टी का कहना है कि उन्होंने उन बूथों पर रिपोलिंग की मांग की है जहां मतदान के दिन पुलिस प्रशासन द्वारा मतदाताओं को डरा धमकाकर लाठीचार्ज करके उन्हें मतदान के लिए रोककर उन पर ज्यादती की।
बता दें की 20 नवंबर को मतदान के दिन ककरौली थाना क्षेत्र के ककरौली गांव में पुलिस और पब्लिक के बीच जमकर झड़प हुई थी। जिसमें पब्लिक ने जहां पुलिस पर पथराव किया था तो वहीं पुलिस ने भी लाठियां फटकारकर भीड़ को तीतर बीतर किया था। इस दौरान की एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई है जिसमें ककरौली थाना अध्यक्ष राजीव शर्मा महिलाओं पर पिस्टल तानकर गोली मारने की बात कहते दिखाई पड़ रहे हैं।
मुसलमानों को वोट डालने का ही अधिकार नहीं है तो मतदाता सूची से ही नाम हटा दीजिए
रिपोलिंग की मांग के बारे में जानकारी देते हुए मुजफ्फरनगर से समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष जिया चौधरी ने बताया कि कल मैंने चुनाव आयोग को पत्र लिखा था और 52 बूथ पर रीपोलिंग की मांग की थी। चुनाव आयोग से जिन बूथों पर पुलिस प्रशासन द्वारा पुलिसकर्मियों द्वारा मतदाताओं को डरा कर धमकाकर लाठी चार्ज करके ज्यादती की गई जुल्म किया गया उन बूथों पर मैने रिपोल की मांग की है। इस देश में इस तरीके के हालात हैं कि सरकारे मुसलमानों को दोयम दर्जे पर रख रही है। अगर हमें वोट डालने का ही अधिकार नहीं है तो मतदाता सूची से ही नाम हटा दीजिए। जिस तरीके का अपमान मीरापुर की जनता ने झेला मैं उन्हें मुबारक बाद देना चाहता हूं। पुलिस के तंत्र से लाठी खाने के बाद जलालत झेलने के बाद जिस तरीके से महिलाओं को अपमानित किया पुलिस के अधिकारियों ने वह बहुत ही खेद का विषय है। समाज में सब लोग रहते हैं चुनाव एक दिन होता है पुलिस भी समाज का हिस्सा है उनके घर भी माताएं बहनें हैं। चुनाव वाले दिन इस तरीके का क्रूर अपमान जो किया गया ऐसा लगा जैसे यह चुनाव मीरापुर में न होकर कहीं अफगानिस्तान या कहीं ऐसी जगह हो रहा है जहां पर गृह युद्ध जैसी स्थिति होती है। फोर्सज और पुलिस ज्यादती कर रही थी औरतो के साथ बदसलूकी हो रही थी एक तरीके से देश में इस तरह की स्थिति पहली बार आजादी के बाद किसी चुनाव में हुई है।
मुस्लिम मतदाता बूध तक न पहुंचे... रात में ही की गई थी बैरिकेडिंग
उन्होंने कहा कि मुस्लिम बाहुल्य जहां 95 फ़ीसदी मुस्लिम मतदाता रहते हैं उन गांवों को छांटकर बाकायदा रात में ही बैरिकेडिंग की गई, की मतदाता वहां तक न पहुंचे। मेरा सवाल है निर्वाचन आयोग से जिलाधिकारी से पुलिस कप्तान से की यह बेरीकेटिंग कुतुबपुर में क्यों नहीं की गई, मोरना में क्यों नहीं की गई, यह बेरीकेटिंग मन्फोड़ा में क्यों नहीं की गई, यह बेरीकेटिंग घटायन में क्यों नहीं की गई तो हमें मुसलमानो को चुनाव की प्रक्रिया से अलग रखने के तहत एक साजिश के तहत राष्ट्रीय लोकदल की प्रत्याशी को जीताने के तहत पूरा प्रशासन मैदान में था।
जो लोग महिलाओं पर पिस्टल तान रहे हैं वह खुलेआम घूम रहे
जब समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा चुनाव आयुक्त को हमारे मांग पत्र के आधार पर रिपोर्ट करने के लिए दरख्वास्त दी गई तो चुनाव आयोग ने संकेत के तौर पर जब राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने हस्तक्षेप किया तो एक दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। जो लोग पिस्टल तान रहे हैं, जो महिलाओं के साथ अभद्रता की, लोकतंत्र की हत्या की, मतदान को प्रभावित किया वह खुलेआम घूम रहे हैं और हमारे ऊपर ही मुकदमा लिख दिया गया। कितनी शर्मनाक बात है सारी भाजपा और देश की सरकार महिला सशक्तिकरण की बात कहती है। महिला सशक्तिकरण की बात करने वाले 33 परसेंट का रिजर्व का बिल लाने वाले महिलाओं पर तानी जा रही है पिस्टल पर मौन रहते है। इस पर क्यों नहीं आया किसी बीजेपी के बड़े नेता का वर्जन। हम मुसलमान है इसीलिए ना अगर यह बात किसी दिगर रिलिजन के लिए होती किसी महिला के साथ तो अब तक मैदान में कूद जाते।