Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 06 May, 2023 12:51 PM

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रचार अपने अंतिम दौर में पहुंच गया है। इस बीच, कांग्रेस के घोषणा पत्र का एक वादा गले की फांस बन गया है। सत्ता में आने पर कांग्रेस पार्टी द्वारा बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा च...
लखनऊ: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रचार अपने अंतिम दौर में पहुंच गया है। इस बीच, कांग्रेस के घोषणा पत्र का एक वादा गले की फांस बन गया है। सत्ता में आने पर कांग्रेस पार्टी द्वारा बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा चर्चा का विषय बना है। वहीं कांग्रेस की इस चुनावी घोषणा को अब उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समर्थन देकर सियासी हलचल तेज कर दी है।

अखिलेश यादव ने कहा कि नफरत फैलाने वाले संगठनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि एक समय था जब सरदार वल्लभ भाई पटेल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर प्रतिबंध लगाया था। उन्होंने कहा कि देश और समाज में ऐसे में नफरती संगठनों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा राज में महंगाई, बेरोजगारी चरम पर है। विकास रुक गया है। इस दौरान अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार ने तो यूपी की कानून व्यवस्था को भी व्हीलचेयर पर पहुंचा दिया है। प्रदेश की जनता भाजपा से निजात पाना चाहती है।

जानने योग्य है कि कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होने है। कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. घोषणापत्र में कांग्रेस ने बजरंग दल की तुलना पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से की है और कहा है कि अगर उन्हें सत्ता पर काबिज होने का अवसर मिला, तो वे इसे बैन करेंगे। चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा कि वह जाति और धर्म के आधार पर नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।