बाबरी केस: आडवाणी, उमा समेत 32 लोगों को बरी करने के खिलाफ सुनवाई 2 सप्ताह के लिए टली

Edited By Umakant yadav,Updated: 13 Jan, 2021 12:13 PM

babri case hearing against the acquittal of 32 people including advani 2 weeks

इलाहाबाद उच्च न्‍यायालय की लखनऊ पीठ ने अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत सभी 32 दोषियों को बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई बुधवार को दो सप्ताह के लिये टाल दी।...

लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्‍यायालय की लखनऊ पीठ ने अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत सभी 32 दोषियों को बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई बुधवार को दो सप्ताह के लिये टाल दी। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से कहा कि उन्हें अपनी याचिका में कुछ खामियों को दूर करने के लिये कुछ और समय चाहिए। यह याचिका न्‍यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध थी। न्यायमूमर्ति ने मामले को सुनवाई के लिए दो सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने के निर्देश दिये हैं।

यह याचिका 8 जनवरी को अयोध्या निवासी हाजी महबूब अहमद और सैयद अखलाक अहमद की ओर से दाखिल की गई है। अयोध्या निवासियों की ओर से अधिवक्ता व ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारी सदस्य जफरयाब जिलानी द्वारा दायर याचिका को मंगलवार को न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया। जिलानी बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक भी हैं। जिलानी ने कहा कि उन्हें अदालत का रुख इसलिए करना पड़ा क्योंकि पिछले साल आए इस मामले में फैसले के खिलाफ सीबीआई ने अब तक अपील दाखिल नहीं की है।

याचिका में विवादित ढांचा विध्वंस मामले के 30 सितम्बर 2020 के सीबीआई अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार सहित सभी 32 अभियुक्तों को बरी करने के विशेष अदालत के फैसले को गलत व तथ्यों के विपरीत बताया गया है। पुनरीक्षण याचिका में अयोध्या निवासी दोनों याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि याचीगण इस मामले में गवाह होने के साथ-साथ विवादित ढांचा विध्वंस की घटना के पीड़ित भी हैं।

याचिका में सभी 32 अभियुक्तों को दोषी करार दिये जाने की मांग की गई है। बाबरी मस्जिद को 6 दिसंबर 1992 को 'कार सेवकों' ने ढहा दिया था। इस मामले में 30 सितम्बर 2020 को सीबीआई की विशेष अदालत ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, साक्षी महाराज, लल्लू सिंह, बृजभूषण शरण सिंह व महंत नृत्य गोपाल दास समेत सभी जीवित 32 अभियुक्तों को बरी कर दिया था। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!