Edited By Pooja Gill,Updated: 06 Aug, 2024 12:16 PM
Ayodhya Gangrape Case: अयोध्या में हैवानियत का शिकार हुई पीड़िता का अब गर्भपात होगा। इसके लिए किशोरी के परिवार वालों ने सहमति दे दी है। परिवार की सहमति के बाद सोमवार को अयोध्या से सीएमओ संजय जैन किशोरी को लेकर लखनऊ रवाना हुए...
Ayodhya Gangrape Case: अयोध्या में हैवानियत का शिकार हुई पीड़िता का अब गर्भपात होगा। इसके लिए किशोरी के परिवार वालों ने सहमति दे दी है। परिवार की सहमति के बाद सोमवार को अयोध्या से सीएमओ संजय जैन किशोरी को लेकर लखनऊ रवाना हुए। दोपहर बाद तीन बजे उसे गर्भपात व बेहतर उपचार के लिए कड़ी सुरक्षा में लखनऊ के क्वीनमेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके साथ ही पुलिस ने आरोपियों को सजा दिलाने के लिए डीएनए टेस्ट करने का भी फैसला लिया है।
रिपोर्ट समिति के अध्यक्ष को सौंपी रिपोर्ट
बता दें कि इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। उन्होंने परिजनों को भरोसा दिलाया था कि इस मामले में आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी। साथ ही पीड़िता का बेहतर तरीके से इलाज भी कराया जाएगा। कल सोमवार को दुष्कर्म पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों ने केजीएमयू रेफर कर दिया। पीड़िता के साथ सीएमओ डॉक्टर संजय जैन भी लखनऊ मेडिकल कॉलेज लखनऊ पहुंचे। गर्भपात पर निर्णय लेने के लिए बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की ओर से नियुक्त की गई सहायक ने स्वजन की सहमति ली और रिपोर्ट समिति के अध्यक्ष सर्वेश अवस्थी को सौंप दी।
पीड़िता को उपलब्ध कराई जाएगी विधिक सहायता
रिपोर्ट समिति के अध्यक्ष ने बताया कि चिकित्सकीय गर्भ समापन अधिनियम 1971 के अंतर्गत हुए संशोधन में यह प्रविधान है कि यदि पीड़िता का गर्भ 24 सप्ताह से कम का है, तो गर्भ समापन के लिए किसी विशेष अनुमति की आवश्यकता नहीं है। संबंधित प्रकरण में किशोरी का गर्भ 12 से 13 सप्ताह का है। किशोरी को न्याय दिलाने के लिए बाल कल्याण समिति उसे निशुल्क विधिक सहायता भी उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना में किशोरी की आयु 22 वर्ष पूर्ण होने तक 2500 रुपये प्रति माह जबकि स्पांसरशिप योजना में 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक हर माह चार हजार रुपये की सहायता राशि मिलेगी।
DNA टेस्ट के लिए लेनी होगी अनुमति
आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस ने डीएनए टेस्ट करने का भी फैसला लिया है। डीएनए टेस्ट के लिए न्यायालय की अनुमति लेना जरूरी होता है। वहीं, इस मामले में आगे की कार्रवाई भी की जा रही है। किशोरी का अश्लील वीडियो बनाने का भी आरोप लगा है। इसकी भी जांच की जा रही है।