श्रीराम मंदिर निर्माण में एक और चुनौती, राजस्थान सरकार ने 'पिंक स्टोन' के खनन पर लगाई रोक

Edited By Umakant yadav,Updated: 13 Sep, 2020 01:21 PM

another challenge in construction of shriram temple rajasthan government

लंबे समय से विवादों में घिरे श्री राम मंदिर निर्माण का सुप्रीम कोर्ट से रास्ता तो साफ हो गया है। मंदिर निर्माण के लिए नींव की खुदाई भी शुरू हो गई है लेकिन अब एक नई चुनौती समान आ गई है। दरअसल, राम मंदिर में इस्तेमाल...

अयोध्या: लंबे समय से विवादों में घिरे श्री राम मंदिर निर्माण का सुप्रीम कोर्ट से रास्ता तो साफ हो गया है। मंदिर निर्माण के लिए नींव की खुदाई भी शुरू हो गई है लेकिन अब एक नई चुनौती सामने आ गई है। दरअसल, राम मंदिर में इस्तेमाल किए जाने वाले पिंक स्टोन की खुदाई पर राजस्थान सरकार ने रोक लगा दी है। जिससे अनुमानन श्रीराम मंदिर निर्माण में बाधा आने की आशंका जताई जा रही है।

देश की धरोहरों में गुलाबी पत्थरों का हुआ है इस्तेमाल
बता दें कि जिस पिंक स्टोन का इस्तेमाल राम मंदिर में किया जाना है उसके खनन पर भरतपुर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है। पांच हजार वर्षों तक अक्षुण्ण रहने वाले ये गुलाबी पत्थर सिर्फ राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित बंशीपहाड़पुर में मिलते हैं। देश में सदियों से जस की तस खड़ी तमाम इमारतें व किले यहीं के गुलाबी पत्थरों से बने हैं। संसद भवन, लालकिला, बुलंद दरवाजा सहित अक्षरधाम और इस्कॉन के अधिकांश मंदिरों में बंशीपहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों का ही इस्तेमाल हुआ है।

मंदिर निर्माण में अभी 4.5 लाख घनफीट गुलाबी पत्थरों की जरूरत
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट करीब 36 करोड़ रुपए मूल्य के 4.5 लाख घनफीट गुलाबी पत्थरों का ऑर्डर देने की तैयारी में है। उससे पहले ही राजस्थान सरकार ने खुदाई पर रोक लगा दी है। राम मंदिर के लिए विश्व हिंदू परिषद ने बहुत पहले ही गुलाबी पत्थरों को जमा करना शुरू कर दिया था। अयोध्या के कारसेवकपुरम कार्याशाला में इन पत्थरों पर नक्काशी और तराशी का काम भी हो चुका है। लेकिन राम मंदिर निर्माण के लिए अभी 4.5  लाख घनफीट गुलाबी पत्थरों की और जरूरत है।

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