UP में श्रम अधिकारों का निलंबन वापस लेने पर इलाहाबाद HC ने खारिज की याचिका

Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 19 May, 2020 06:06 PM

allahabad hc dismisses plea for withdrawal of suspension of labor rights in up

इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर एवं न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने श्रमिक अधिकारों को निलंबित करने की अधिसूचना एवं संशोधन कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका अर्थहीन मानते हुए...

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर एवं न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने श्रमिक अधिकारों को निलंबित करने की अधिसूचना एवं संशोधन कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका अर्थहीन मानते हुए खारिज कर दी है। यह आदेश खंडपीठ ने अधिसूचना वापस लेने की जानकारी दिए जाने पर दिया। अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि अधिसूचना सरकार ने वापस ले ली है इसलिए याचिका का औचित्य नहीं रह गया है।

यूपी वर्कर्स फ्रंट की जनहित याचिका पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर राज्य सरकार से जानकारी मांगी थी। सरकार ने अधिसूचना को वापस लेने की जानकारी दी। राज्य सरकार के श्रम विभाग ने श्रमिक अधिकारों को निलंबित करने की अधिसूचना जारी की थी। इससे फैक्ट्री मालिकों को लेबर से 12 घंटे काम लेने की अनुमति मिल गई थी। जबकि अब तक आठ घंटे या अधिकतम 10 घंटे काम लेने की छूट है। अधिसूचना को श्रमिकों के जीवन के मूल अधिकारों एवं श्रम कानूनों का उल्लंघन बताते हुए चुनौती दी गई थी। । कहा गया  था कि अधिक मुनाफे के लिए श्रमिकों का शोषण किया जाएगा और उनकी नौकरी की गारंटी नहीं होगी

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