दीपों से चिढ़, क्रिसमस का गुणगान! अखिलेश का यह बयान बना 'रामनगरी' में सियासी धमाका, BJP ने किया पलटवार

Edited By Anil Kapoor,Updated: 19 Oct, 2025 06:32 AM

akhilesh yadav s statement before deepotsav became the reason for controversy

UP Politics News: अयोध्या में भव्य दीपोत्सव से पहले समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के एक बयान को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने दीये और मोमबत्तियों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें क्रिसमस से सीखना चाहिए, जिससे भाजपा ने कड़ा...

UP Politics News: अयोध्या में भव्य दीपोत्सव से पहले समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के एक बयान को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने दीये और मोमबत्तियों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें क्रिसमस से सीखना चाहिए, जिससे भाजपा ने कड़ा ऐतराज जताया है।

क्या कहा अखिलेश यादव ने?
बीते शनिवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पत्रकार ने अखिलेश यादव से पूछा कि इस बार अयोध्या दीपोत्सव में दीयों की जगह मोमबत्तियां जलाई जा रही हैं और उनकी संख्या भी कम कर दी गई है। इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि मैं कोई सुझाव नहीं देना चाहता, लेकिन भगवान राम के नाम पर जरूर एक बात कहना चाहता हूं। पूरी दुनिया में क्रिसमस के समय हर शहर रोशनी से जगमगा उठता है और वो महीनों चलता है। हमें उनसे सीख लेनी चाहिए। हम दीयों और मोमबत्तियों पर इतना खर्च क्यों करें और दिमाग क्यों लगाएं? सरकार से कुछ उम्मीद नहीं है। हमारी सरकार आएगी तो हम बहुत सुंदर रोशनी कराएंगे।

भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया
अखिलेश यादव की इस टिप्पणी पर भाजपा ने जोरदार हमला बोला है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि समाजवादी पार्टी का इतिहास राम मंदिर आंदोलन का विरोध करने और अयोध्या को सालों तक अंधेरे में रखने का रहा है। रामभक्तों पर गोलियां चलवाने वाली पार्टी अब दीपोत्सव की आलोचना कर रही है। जब सैफई में जश्न मनाया गया, जिससे जनता को कोई लाभ नहीं मिला, तब उन्हें कोई आपत्ति नहीं थी। लेकिन अयोध्या में, जहां हजारों छोटे दुकानदारों को रोजगार मिलता है, वहां ये लोग सवाल खड़े कर रहे हैं।

अयोध्या दीपोत्सव 2025: अब तक का सबसे भव्य आयोजन
इस साल अयोध्या में दीपोत्सव का 9वां संस्करण मनाया जा रहा है। 19 अक्टूबर को दीपावली से एक दिन पहले सरयू नदी के किनारे 56 घाटों पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया। कुल 26,11,101 दीये जलाए गए, जो एक नया रिकॉर्ड है। 2100 वैदिक विद्वान, 1100 ड्रोन और 33,000 स्वयंसेवकों ने इस आयोजन में भाग लिया। राम की पैड़ी से लेकर राजघाट, गुप्तारघाट और लक्ष्मण किला घाट जैसे नए घाटों को भी दीपोत्सव में शामिल किया गया। इस आयोजन की शुरुआत 2017 में सिर्फ 1.71 लाख दीयों से हुई थी, और अब यह 15 गुना बढ़ चुका है।

Related Story

Trending Topics

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!