बिहार के बाद यूपी में गरमाई SIR पर सियासत, शुरू चुनावी जंग की दस्तक !

Edited By Ramkesh,Updated: 29 Oct, 2025 05:01 PM

after bihar politics over sir heats up in up election battle begins

उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) में अभी चुनाव की तारीख भले तय न हुई हो लेकिन सियासत का पारा अब धीरे-धीरे चढ़ने लगा है। चुनाव आयोग ने जैसे ही वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR की प्रक्रिया शुरू की वैसे ही सियासी गलियारों में गर्मी बढ़ गई है।...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) में अभी चुनाव की तारीख भले तय न हुई हो लेकिन सियासत का पारा अब धीरे-धीरे चढ़ने लगा है। चुनाव आयोग ने जैसे ही वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR की प्रक्रिया शुरू की वैसे ही सियासी गलियारों में गर्मी बढ़ गई है। एक तरफ आयोग मतदाता सूची को पारदर्शी बनाने की बात कर रहा है दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने इस प्रक्रिया पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। 

सिस्टम की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहा विपक्ष 
प्रदेश में चुनाव को भले ही 1 साल का समय हो लेकिन चुनाव आयोग ने जैसे ही वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR की प्रक्रिया शुरू की वैसे ही सियासी गलियारों में गर्मी बढ़ गई है। एक तरफ आयोग मतदाता सूची को पारदर्शी बनाने की बात कर रहा है तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने इस प्रक्रिया पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। सपा का आरोप है कि वोटर लिस्ट बनाने में लगे अधिकारियों की पोस्टिंग जाति और धर्म देखकर की जा रही है। जिससे पूरे सिस्टम की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। यानी अभी चुनावी बिगुल बजा भी नहीं… लेकिन राजनीतिक जंग की दस्तक साफ-साफ सुनाई देने लगी है। 

लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश- डिंपल का आरोप 
बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने भी चुनाव आयोग द्वारा देशभर में कराई जा रहे SIR पर सवाल उठाया है उनका कहना है कि आखिर SIR कराने के पीछे की मंशा क्या है? इतने चुनाव हो चुके हैं, क्या अब तक सभी अनडेमोक्रेटिक थे? सरकार की नीयत ठीक नहीं लगती. यह पूरी तरह से लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश है। 
 

फेक मतदाता सूची के आधार पर चुनाव प्रभावित करने की कोशिश कर रहा विपक्ष : डिप्टी सीएम बृजेश पाठक
वहीं विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि कांग्रेस, सपा और इंडिया गठबंधन फेक मतदाता सूची के आधार पर चुनाव प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है...उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को धन्यवाद देना चाहिए,,, क्योंकि आयोग ऐसे फेक मतदाताओं को SIR के ज़रिए चिन्हित करके बाहर कर रहा है। 

फर्जी मतदाताओं के नाम हटाए जाना जरूरी- अनुप्रिया पटेल
वहीं मतदाता सूची के संशोधन और सत्यापन प्रक्रिया के दूसरे चरण को लेकर केंद्रीय मंत्री और अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को मतदाता सूची में संशोधन का पूरा अधिकार है, ताकि देशभर में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित किए जा सकें।  अनुप्रिया पटेल ने कहा, “चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और उसे मतदाता सूची में आवश्यक सुधार और संशोधन करने का पूरा अधिकार प्राप्त है। फर्जी मतदाताओं के नाम हटाए जाना जरूरी है। ऐसा करने से लोकतांत्रिक प्रक्रिया और मजबूत होगी।” उन्होंने आगे कहा कि सभी पात्र मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में शामिल होना चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति अपने मताधिकार से वंचित न रहे। 


कुल मिलाकर, मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन पर सियासत गर्म है... चुनाव आयोग पारदर्शिता की दुहाई दे रहा है,,, तो विपक्ष इसे लोकतंत्र पर हमला बता रहा है...अब देखना ये है कि मतदाता सूची का ये संशोधन अभियान आने वाले विधानसभा चुनाव में किसकी जमीन मजबूत करता है और किसकी खिसकाता है। 
 

Related Story

Trending Topics

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!