Edited By Ajay kumar,Updated: 03 Mar, 2020 03:32 PM
शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे 7 मार्च को अयोध्या जांएगे और रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला का दर्शन करेंगे।
अयोध्या: शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे 7 मार्च को अयोध्या जांएगे और रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला का दर्शन करेंगे। उद्धव ठाकरे की यात्रा से पहले ही उनका विरोध होने लगा है। महंत परमहंत दास ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने (शिवसेना) कांग्रेस से हाथ मिलाकर हिंदुत्व को धोखा दिया है। महाराष्ट्र में भाजपा के साथ गठबंधन में विधानसभा चुनाव लडऩे वाली शिवसेना चुनाव परिणाम के बाद अलग हो गई थी और विपक्षी दल कांग्रेस व एनसीपी के समर्थन से राज्य में सरकार बनाई है। महंत परमहंत दास ने कहा कि शिवसेना जब तक कांग्रेस के साथ गठबंधन में है अयोध्या में आने का कोई औचित्य नहीं है।
शिवसेना ने रामभक्तों को दिया धोखा
उन्होंने कहा, शिवसेना ने रामभक्तों को धोखा दिया है, जिन्होंने उन्हें वोट दिया। रामभक्तों ने शिवसेना को वोट सिर्फ इसलिए दिया क्योंकि वो हिंदुत्व की पार्टी थी। हिंदुओं की पार्टी थी। हिंदू राष्ट्र इस पार्टी का लक्ष्य था। भगवा समाज के प्रति ये पार्टी समर्पित थी। उन्होंने कहा कि सत्ता के लालच में शिवसेना ने भगवान राम को काल्पनिक कहने वाली कांग्रेस पार्टी से ही गठबंधन कर लिया। सीएम ठाकरे अगर अयोध्या आए तो मैं खुद उनका रास्ता रोकने वाला हूं।
शिवसेना सांसद संजय राऊत ने अयोध्या में सुरक्षा का लिया जाएजा
बता दें कि ठाकरे सात मार्च को अयोध्या जांएगे और रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला का दर्शन करेंगे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आगमन की तैयारियों को लेकर बीते गुरुवार को शिवसेना प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राऊत अयोध्या पहुंचे थे। उन्होंने शहर के डीएम अनुज कुमार झा से इस बाबत भेंट की और सीएम के कार्यक्रम से जुड़ी जानकारी साझा की। राउत ने पत्रकारों को बताया था कि सीएम ठाकरे के साथ महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के सदस्य, कुछ सांसद और विधायकों का एक समूह भी आएगा। उन्होंने कहा कि इसमें कोई राजनीति नहीं है। दो दलों के समर्थन से सरकार चला रही शिवसेना ने कहा कि पार्टी ने ना तो अपना चेहरा बदला और ना ही अपनी आत्मा। संजय राउत ने कहा कि हमारी सरकार श्री राम के आदर्श पर ही चल रही है।