Edited By Nitika,Updated: 03 May, 2021 09:33 PM
कोरोना की दूसरे लहर में संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर उत्तराखंड उच्च शिक्षा विभाग ने विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के अनुमोदन के पश्चात राज्य के समस्त राजकीय एवं निजी विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयों को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक बंद करने...
देहरादूनः कोरोना की दूसरे लहर में संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर उत्तराखंड उच्च शिक्षा विभाग ने विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के अनुमोदन के पश्चात राज्य के समस्त राजकीय एवं निजी विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयों को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक बंद करने के सोमवार को आदेश दिए।
विभागीय सूत्रों के अनुसार विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र छात्राओं तथा कार्मिकों सहित आमजन मानस की सुरक्षा के निमित्त राज्य के समस्त राजकीय एवं निजी विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश शासन द्वारा जारी किया गया है। इसके पूर्व कोविड-19 के पहली लहर के पश्चात पठन-पाठन सुचारू करने के उद्देश्य से शासन द्वारा 01 मार्च 2021 से ऑफलाइन मोड में खोला गया था। छात्र-छात्राओं के अध्ययन के व्ययधान को कम करने के उद्देश्य से ऑनलाइन माध्यम से पठन-पाठन जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
सूत्रों ने बताया कि महाविद्यालयों में ऑनलाइन माध्यम से पठन-पाठन को सुचारू बनाये रखने के उद्देश्य से समस्त राजकीय महाविद्यालयों में 4जी की सेवा उपलब्ध करा दी गयी है। ऑनलाइन पठन पाठन की मॉनिटरिंग शासन एवं निदेशालय द्वारा समय समय पर होती रहेगी। इसके साथ ही विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के समस्त अधिकारियों एवं कार्मिकों को अपने मुख्यालय पर बने रहने के निर्देश भी दिए गए हैं।
उधर, विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार छात्रों सहित आम जनमानस के स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति गंभीर है। उन्होंने कहा कि, कोविड के कारण छात्र छात्राओं के पठन-पाठन को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए सरकार द्वारा ऑनलाइन शिक्षण हेतु 4जी इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने सहित हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता स्वास्थ्य के साथ साथ शिक्षा भी है। इसके अतिरिक्त, एक अन्य शासन आदेश में शासकीय कार्यालयों में समूह क, ख, ग एवं घ कार्मिकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु भी निर्देश दिया गया है। जिसके क्रम में समूह क एवं ख वर्ग की उपस्थिति शत प्रतिशत तथा समूह ग एवं घ वर्ग के कार्मिकों की 50 प्रतिशत उपस्थिति चक्रण के आधार पर होगी।