Edited By Ruby,Updated: 20 Aug, 2018 11:40 AM
उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी में सावन के आखिरी सोमवार को विश्वप्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर समेत तमाम शिवालयों में बाबा की पूजा-अर्चना के लिए देशी-विदशी शिवभक्तों का सैलाब उमड़ा पड़ा। गेरुआ रंग में रंगी शिव नगरी में चारों तरफ अछ्वूत छटा बिखरी...
वाराणसीः उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी में सावन के आखिरी सोमवार को विश्वप्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर समेत तमाम शिवालयों में बाबा की पूजा-अर्चना के लिए देशी-विदशी शिवभक्तों का सैलाब उमड़ा पड़ा।
गेरुआ रंग में रंगी शिव नगरी में चारों तरफ अछ्वूत छटा बिखरी हुई है तथा बंब-बंब भोले, बोलो बम, हर-हर महादेव के जयकारे एवं घंटियों की आवाज से गूंज रही है। धार्मिक मान्यता है कि ज्येष्ठा नक्षत्र में भगवान शिव की पूजा करने से हर प्रकार के शत्रुओं पर विजय की प्राप्ति होती है। घरेलू विवाद समाप्त होने के अलावा संतान सुख और नौकरी प्राप्ति जैसी मनोकामनएं पूर्ण होती हैं। यही वजह है कि अंतिम सोमवार को शिवालयों में शिवक्तों का तांता लगा हुआ है।
पिछले सोमवार की अपेक्षा अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ उमडऩे का अनुमान हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर में ब्रह्म मुहूर्त के दौरान बाबा का जलाभिषेक करने के लिए दूर-दूर से आए हजारों कांवड़िए रविवार देर शाम से ही कतारों में खड़े होने लगे थे। रविवार दोपहर बाद तेज बारिश के बाद यहां का मौसम सुहाना हो गया था। आकाश में बादल छाये हुए हैं तथा पिछले दिनों की अपेक्षा गर्मी बेहद कम है। इस वजह से कांवड़िए बेहद खुश हैं। कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह हजारों शिवभक्तों ने शिवलिंग पर जलाभिषेक एवं दुग्धाभिषेक किया है तथा यह सिलसिला रात तक जारी रहने की संभावना है।