Edited By Ramkesh,Updated: 01 Apr, 2023 05:52 PM
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आज कानपुर देहात(Kanpur Dehat) में आगजनी में हुई मां-बेटी की मौत जैसी घटना की पुनरावृत्ति होंते होते टली है... गुरुवार देर शाम अजगैन कोतवाली के विक्रमखेड़ा गांव में ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटवाने पॅहुची प्रसाशन...
उन्नाव(Unnao) में आज कानपुर देहात(Kanpur Dehat) में आगजनी में हुई मां-बेटी की मौत जैसी घटना की पुनरावृत्ति होंते होते टली है... गुरुवार देर शाम अजगैन कोतवाली के विक्रमखेड़ा गांव में ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटवाने पॅहुची प्रसाशन के सामने महिला ने झोपड़ी में आग लगा दी और खुद को आग लगा कर जान देने की कोशिश की।
दरअसल उत्तर प्रदेश के उन्नाव में देर शाम उस समय हड़कंप मच गया जब एक कब्ज़ा हटाने गई तहसील टीम के सामने कब्ज़ाधारी महिला ने आत्मदाह करने की कोशिश की और आग लगा ली... महिला ने देखा की जैसे ही अधिकारी कब्जा हटाने पहुंचे उसने अपनी झोपड़ी में आग लगा दी... देखते ही देखते आग बढ़ गई और आग महिला की साड़ी में भी लग गई... आग लगते ही हड़कंम मच गया। किसी तरह वहां मौजूद लोगों ने पानी और बालू डालकर आग पर काबू पाया। गनीमत ये रही कि इस पूरी घटना में कोई हताहत नहीं हुआ... लेकिन मीडिया में मामला बढ़ता देख देर रात एडीएम और एसडीम हसनगंज ने मौके पर पहुंच कर महिला और उसके परिवार के लोगों से बात की... महिला का कहना है कि पिछले कई दशक से उसके परिवार का इसी जगह पर कब्जा है, और सभी इस जगह पर झोपड़ी बना कर रहते हैं... उनके पास इस जगह के अलावा कोई और घर नहीं है... इसी पर बनने के लिए उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना का आवास उन्हें मिला है... जिसका निर्माण वो धीरे- धीरे करवा रही है।
वही मामले में एडीएम नरेंद्र सिंह ने बताया कि यहां पर एक तेलियानी गांव है, जहां पर अजय हैं उनको आवास मिला है... निर्माण हो रहा था उसमें कुछ शिकायत की गई थी कि ये निर्माण ग्राम समाज की जमीन पर हो रहा है... जांच के लिए नायाब तहसीलदार और लेखपाल आए थे समझा रहे थे तब उनकी पत्नी भावावेश में आ करके उसने दुकान के बगल में पॉलिथीन में आग लगा दी... उसको बुझा दिया गया है... इसमें ऐसी कोई बात नहीं है उनको समझा-बुझाकर शांत करा दिया गया है... ग्राम प्रधान और सभी लोग वहां मौजूद थे ऐसी कोई चीज नही है... फिर भी जांच की जाएगी
बता दें कि विक्रमखेड़ा गांव के रहने वाले अजय कश्यप अपने परिवार के साथ ग्राम समाज की जमीन पर करीब 40 साल से झोपड़ी बना कर रह रहे थे...इसकी सरकारी कालोनी आने के बाद वो वहीं पर निर्माण करने लगा... पीछे गांव के ही रहने वाले एक शख्स का खेत है... उसी शख्स ने निर्माण रुकवाने के लिए हसनगंज थाने में प्रार्थना पत्र दिया था... गुरुवार को लेखपाल नापने आए थे... ग्राम समाज की जमीन पर झोपड़ी होने पर गिराए जाने की बात कही... तभी अजय की पत्नी ने अपने ऊपर डीजल डालकर आग लगाने जा ही रही थी... वहां मौजूद लोगों ने पकड़ लिया... रानी ने बताया एक माह पूर्व उसने बंधन बैंक से दो लाख रुपये लोन लिया था... दुकान करने के लिए, जिसकी आठ क़िस्त दे चुका है.... अजय के दो लड़की नैना और रिमझिम है... लेकिन अब उनके रहने के लाले पड़ गए हैं... लेकिन बड़ा सवाल ये भी है कि आखिर जब निर्माण शुरू किया गया था... तब तहसील प्रशासन किस नींद में सोया था, आखिर तब इन्हें क्यों नहीं रोका गया था...