Edited By Mamta Yadav,Updated: 19 Jul, 2025 12:49 AM

ढाई साल की उम्र… जब बच्चों के हाथ में पेंसिल होनी चाहिए, तब “First Cry Intellitots Pre School” में एक बच्ची के हिस्से आई टीचर के थप्पड़, धक्के और पिटाई। नाम था "फर्स्ट क्राय" लेकिन बच्ची की "क्राय" असल में स्कूल की दीवारों से टकराकर बाहर निकली।...
Kanpur News, (प्रांजुल मिश्रा): ढाई साल की उम्र… जब बच्चों के हाथ में पेंसिल होनी चाहिए, तब “First Cry Intellitots Pre School” में एक बच्ची के हिस्से आई टीचर के थप्पड़, धक्के और पिटाई। नाम था "फर्स्ट क्राय" लेकिन बच्ची की "क्राय" असल में स्कूल की दीवारों से टकराकर बाहर निकली। शुक्र है CCTV कैमरा था, वरना बच्ची की चीखें दीवारों में गुम हो जातीं, और स्कूल वाले कहते, “बच्ची गिर गई होगी”...।

कानपुर में शिक्षा का मंदिर, एक बार फिर शर्मसार
कानपुर के First Cry Intellitots Pre School में ढाई साल की मासूम बच्ची को महिला टीचर ने इस तरह पीटा जैसे वह कोई कैदी हो, न कि प्लेग्रुप की बच्ची। इस हैवानियत का खुलासा तब हुआ जब बच्ची सहमी-सहमी हालत में घर लौटी और कुछ भी साफ-साफ नहीं बता पाई। संदेह होने पर परिजनों ने स्कूल का CCTV फुटेज खंगाला और जो सामने आया, वह किसी भी मां-बाप को अंदर तक झकझोर कर रख देगा। शहर के साकेत नगर में किदवई नगर थाना क्षेत्र स्थित First Cry Intellitots Pre School में टीचर द्वारा बच्ची की पिटाई से वो डर और सदमे में आ गई। यह शर्मनाक घटना स्कूल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई, जिसके बाद बच्ची के परिजनों ने स्कूल और आरोपी टीचर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

घटना का खुलासा कैसे हुआ?
पीड़िता के पिता आकाश गोयल ने बताया कि जब उनकी बेटी स्कूल से लौटी तो वह डरी-सहमी थी, कुछ भी ठीक से बोल नहीं पा रही थी। बार-बार रो रही थी और स्कूल का नाम सुनकर कांपने लगती थी। शुरू में परिजन कुछ समझ नहीं पाए, लेकिन बच्ची की हालत देखकर उन्होंने स्कूल से संपर्क किया और वहां की सीसीटीवी फुटेज देखने की मांग की। जो फुटेज सामने आया, वह दिल दहला देने वाला था। उसमें देखा गया कि स्कूल की टीचर वर्षा दीक्षित मासूम बच्ची को बेरहमी से पीट रही थी, उसे घसीट रही थी और इस तरह व्यवहार कर रही थी जैसे वह कोई अपराधी हो।

क्या था कारण..?
आकाश गोयल के मुताबिक, "मेरी बेटी क्लासरूम के बाहर जाने की जिद कर रही थी, इसी बात पर टीचर वर्षा दीक्षित आग-बबूला हो गई और उसे इस कदर पीट दिया कि अब बच्ची स्कूल जाने से डर रही है। अभी तो स्कूल ज्वाइन किए सिर्फ 15 दिन हुए थे। ढाई साल की मासूम बच्ची को इस तरह पीटना कहां की इंसानियत है?" उन्होंने बताया कि पिटाई के बाद बच्ची की मानसिक स्थिति असंतुलित हो गई है। वह हर वक्त डरी रहती है और रात में नींद से चौंककर उठ जाती है।

स्कूल का रवैया भी सवालों के घेरे में
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि स्कूल प्रबंधन ने इस गंभीर घटना को दबाने की कोशिश की। उन्होंने सिर्फ आरोपी टीचर को नौकरी से निकाल दिया और पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया। न तो पुलिस में शिकायत की, न ही किसी प्रकार की जवाबदेही ली। आकाश गोयल ने बताया, "अगर स्कूल प्रशासन सिर्फ निकालने की खानापूर्ति करेगा, तो यही टीचर किसी और स्कूल में जाकर फिर किसी मासूम के साथ यही दुर्व्यवहार करेगी। इसलिए सख्त कानूनी कार्रवाई जरूरी है। हम इस मामले की शिकायत शिक्षा विभाग में भी दर्ज कराएंगे।"

पुलिस का क्या कहना है...?
इस मामले में किदवई नगर थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार राम ने बताया कि बच्ची के पिता से संपर्क किया गया है। अगर बच्चे के पैरेंट्स चाहेंगे तो FIR दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
CCTV बना गवाह, वरना दब जाता मामला
इस पूरी घटना में राहत की बात केवल यही रही कि स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरे ने सच्चाई को उजागर कर दिया। वरना मासूम की चीखें भी शायद इस अन्याय को सामने लाने में नाकाम रह जातीं। सवाल यही उठता है कि अगर सीसीटीवी न होता, तो क्या यह मामला भी दबा दिया जाता?
बच्चों को स्कूल भेजना हर मां-बाप के लिए एक भरोसे का कदम होता है, लेकिन जब उस भरोसे को इस तरह तोड़ा जाता है, तो पूरी शिक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े होते हैं। प्ले ग्रुप की बच्ची के साथ ऐसी बर्बरता न सिर्फ एक बच्चे का बचपन कुचलती है, बल्कि अभिभावकों का विश्वास भी।