गंगा का बढ़ा जलस्तर:  फिर बाहर आने लगे घाट पर दफनाए शव, नगर निगम जल्द आयोजित करेगा शांति भोज

Edited By Umakant yadav,Updated: 04 Aug, 2021 05:24 PM

water level of ganga then the bodies buried at the ghat started coming out

संगम नगरी प्रयागराज में एक बार फिर फाफामऊ समेत अन्य शमशान घाटों  पर कोरोना काल में दफनाई लाशें बाहर आने लगी हैं, अबतक करीब 350 से ज्यादा शवो का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया। गंगा में आई बाढ़ के कारण शवों के अंतिम संस्कार करने के लिए...

प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में एक बार फिर फाफामऊ समेत अन्य शमशान घाटों  पर कोरोना काल में दफनाई लाशें बाहर आने लगी हैं, अबतक करीब 350 से ज्यादा शवो का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया। गंगा में आई बाढ़ के कारण शवों के अंतिम संस्कार करने के लिए नगर निगम कर्मचारियों को खासी दिक्कत का भी सामना करना पड़ा, बाढ़ के कारण नाव से लकड़ियों को लाया जा रहा है।

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नगर निगम के जोनल अधिकारी अपनी टीम के साथ लगातार रेत से बाहर आई लाशों का अंतिम संस्कार करा रहे हैं। नगर निगम के जोनल अधिकारी सत्य प्रकाश सिंह अपने परिवार की तरह इन लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कर उनको मुखाग्नि दे रहे हैं। साथ ही साथ नगर निगम अब जल्द ही एक भोज का आयोजन भी करवाएगा ये उनलोगों की शांति के लिए जिनके शवो को दोबारा रीतिरिवाज़ों के साथ अंतिम संस्कार करवाया जा रहा है।

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संगम नगरी प्रयागराज में यह नजर आपने पहले भी देखा है कोरोना की दूसरी लहर में फाफामऊ, नैनी के देवराख घाट समेत अन्य घाटों  पर सैकड़ों लाशें रेत में दफन की गई थी और जो लाशें रेत से बाहर आ रही थी उनका अंतिम संस्कार कराया जा रहा था ताकि शव गंगा में न बहें। उस वक्त गंगा के बढ़े जलस्तर के कारण अंतिम संस्कार रोकना पड़ा था लेकिन आज फिर वही तस्वीर सामने देखने को मिल रही है। फिर कटान के कारण दफन शव रेत से बाहर आने लगे है। बीते शुक्रवार को 50 से ज्यादा लावारिस शवों का अंतिम संस्कार पूरे रीति रिवाज से किया गया।

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नगर निगम के जोनल अधिकारी सत्य प्रकाश सिंह और अन्य नगर निगम के कर्मचारी  लगातार इन शवो को मुखाग्नि दे रहे हैं। वहीं गंगा में बढ़े जलस्तर के कारण अंतिम संस्कार करने के लिए खासी दिक्कत का सामना भी करना पड़ रहा है, लकड़ियों को नाव से लाकर इस ऊंचे टापू पर लाकर वहां निकले शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इसके साथ ही जल्द ही नगर निगम एक शांति भोज का आयोजन करने जा रहा है।

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हमारे संवाददाता सैय्यद आकिब रजा के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर में हजारों लोगों की जान चली गई और लोगों ने उन शवों को गंगा घाट पर रेत में दफना दिया था, लेकिन कुछ दिन बाद दफन शव रेत से बाहर आने लगे थे और गंगा में बड़े जलस्तर के कारण अंतिम संस्कार को रोकना पड़ा था, लेकिन एक बार फिर रेत में दफन लाशें यहां फिर दिखने लगी है बीते 5 दिनों में  80 से ज्यादा लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया गया। वहीं अब तक करीब 350 से ज्यादा शवो का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया।

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नगर निगम की पार्षद और शव नियंत्रण कमिटी की सदस्य नीलम यादव भी लगातार दफनाए गई लावारिस लाशों को अपनों की तरह उनका अंतिम संस्कार करा रहे हैं। नगर निगम लावारिस लाशों की खुद पूजा पाठ कर उनको पूरे हिंदू रीति रिवाज के साथ उनका अंतिम संस्कार कर उनको मुखाग्नि देते हैं अब तक करीब 350 से ज्यादा लावारिस शवों का पूरे हिंदू रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार करा चुके हैं।

 

 

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