Edited By Ajay kumar,Updated: 17 Feb, 2023 05:54 PM

कथित दुराचार व लूटपाट के मामले में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी की मुस्किलें बढ़ गई हैं। इस मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गुरूवार को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।
लखनऊ: कथित दुराचार व लूटपाट के मामले में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी की मुस्किलें बढ़ गई हैं। इस मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गुरूवार को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी के विरुद्ध दुराचार व लूटपाट का आरोप हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति मोहम्मद किया।
फैज आलम खान की एकल पीठ ने रिजवी की अग्रिम जमानत याचिका पर पारित किया। याची की ओर से दलील दी गई कि उसके खिलाफ कथित पीड़िता ने 15 जुलाई 2021 को सहादतगंज थाने में उक्त एफआईआर दर्ज कराई थी। कहा गया कि याची ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर कुरान की कुछ आयतों को हटाने की मांग की थी जिसके कारण वह कट्टरपंथियों के निशाने पर है। कहा गया कि वर्तमान एफआईआर भी याची के खिलाफ साजिश का हिस्सा है।

याची के विरुद्ध 35 आपराधिक मुकदमे दर्जः अधिवक्ता
वहीं याचिका का विरोध करते हुए पीड़िता के अधिवक्ता की दलील थी कि याची इस मामले में फरार चल रहा है, यही कारण है कि पुलिस ने उसकी फ़रारी की उद्घोषणा के लिए निचली अदालत में सीआरपीसी की धारा 82 के तहत प्रार्थना पत्र दिया हुआ है। वहीं राज्य सरकार के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि याची के विरुद्ध 35 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।

जानिए क्या है वसीम रिजवी पर आरोप?
एफआईआर में कहा गया है कि चार साल पहले वसीम रिजवी पीड़िता के पति की गैर मौजूदगी मैं कमरे में घुस आया तथा जबरन दुराचार किया एवं पीड़िता की अश्लील फोटो भी खींची। यह भी आरोप है कि फोटो को वायरल करने के नाम पर वसीम रिजवी ने कई बार उसके साथ दुराचार किया।