UP Politics: अखिलेश की चुनाव आयोग से अपील- SIR में जातिगत कॉलम जोड़ने की उठाई मांग

Edited By Mamta Yadav,Updated: 31 Oct, 2025 07:40 PM

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समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य में चल रही SIR (Summary Revision of Electoral Rolls) प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग से बड़ा सुझाव दिया है। अखिलेश ने कहा है कि SIR के फॉर्म में एक ‘जाति संबंधी कॉलम’ जोड़ा जाना...

Lucknow News: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य में चल रही SIR (Summary Revision of Electoral Rolls) प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग से बड़ा सुझाव दिया है। अखिलेश ने कहा है कि SIR के फॉर्म में एक ‘जाति संबंधी कॉलम’ जोड़ा जाना चाहिए, ताकि जातिगत आंकड़ों का संकलन किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह पहल सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने और नीति निर्माण को अधिक समावेशी बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है।

घर-घर सर्वे में मिल सकता है डेटा इकट्ठा करने का अवसर
लखनऊ में पार्टी मुख्यालय पर मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा, “SIR प्रक्रिया के तहत सरकारी अधिकारी मतदाताओं के विवरणों की पुष्टि के लिए हर घर जा रहे हैं। ऐसे में अगर फॉर्म में जाति से जुड़ा एक कॉलम जोड़ दिया जाए तो प्राथमिक स्तर पर सामाजिक आंकड़े इकट्ठा किए जा सकते हैं।” उन्होंने कहा कि इस बड़े स्तर के सर्वेक्षण का इस्तेमाल जातिगत आधार पर सामाजिक संरचना समझने के लिए किया जा सकता है, जिससे सरकारें भविष्य की नीतियां बेहतर तरीके से तैयार कर सकें।

“जातिगत आंकड़े नीतियां बनाने में होंगे मददगार”
सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में अखिलेश ने कहा कि यदि पूर्ण जाति जनगणना फिलहाल संभव नहीं है, तो ‘प्राथमिक जातिगत गणना’ की जा सकती है।उन्होंने कहा  “ऐसे आंकड़े सार्वजनिक नीतियों के निर्माण में मदद करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि कल्याणकारी योजनाएं समाज के हर वर्ग तक समान रूप से पहुंचे।” अखिलेश यादव ने डॉ. बी.आर. अंबेडकर और मंडल आयोग के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि उनका काम सामाजिक समानता और न्याय की नींव रखता है।

“सामाजिक न्याय पर आधारित राज्य की स्थापना होगी आसान”
सपा प्रमुख ने कहा कि यदि यूपी में SIR के दौरान जातिगत कॉलम जोड़ा जाता है, तो सामाजिक न्याय पर आधारित राज्य की परिकल्पना को साकार करना आसान हो जाएगा। अखिलेश ने कहा, “सरकार को यह सुझाव स्वीकार करना चाहिए। इससे राज्य के भविष्य के लिए नीतियां अधिक न्यायसंगत और समावेशी बनेंगी।”

चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया का इंतज़ार
हालांकि, अभी तक अखिलेश यादव की इस मांग पर चुनाव आयोग की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। माना जा रहा है कि आयोग आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकता है।

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