Edited By Mamta Yadav,Updated: 07 Apr, 2025 01:37 AM

कर्नलगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले इंस्पेक्टर तरुण पांडेय ने रविवार को लाइसेंसी रायफल से खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली। गोली की आवाज सुनकर पड़ोसी घर के अंदर पहुंचे तो देखा बेड पर उनका खून से लथपथ शव पड़ा हुआ था। उन्होंने पुलिस को सूचना दी।...
Varanasi /Prayagraj News: कर्नलगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले इंस्पेक्टर तरुण पांडेय ने रविवार को लाइसेंसी रायफल से खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली। गोली की आवाज सुनकर पड़ोसी घर के अंदर पहुंचे तो देखा बेड पर उनका खून से लथपथ शव पड़ा हुआ था। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने घटना की जानकारी परिवार वालों को दी। उनकी वर्तमान तैनाती वाराणसी क्राइम ब्रांच में थी। आत्महत्या के पीछे की वजह अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है।
तरुण की पत्नी पूनम भी बेटे के साथ बेंग्लुरु में ही रह रही थीं
बता दें कि मूलरूप से गोंडा के नवाबगंज के रहने वाले तरुण कुमार पांडेय प्रयागराज के म्योराबाद में मकान बनवा कर रह रहे थे। उनकी बेटी की अंशू की शादी एक मार्च को लखनऊ में थी। बेटा ईशान बेंग्लुरु में रहता है। तरुण की पत्नी पूनम भी बेटे के साथ बेंग्लुरु में ही रह रही थीं। तरुण पिछले 6 महीने से छुट्टी पर थे। रविवार शाम को लगभग 7 बजे वह अपने मकान में अकेले थे।
तरुण कुमार बीमारी से तंग आकर सुसाइड कर लिया: पुलिस
पुलिस ने बताया कि तरुण लाइसेंसी रायफल से खुद को सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। गोली की आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़े तो देखा तरुण कमरे में खून से लथपथ पड़े मिले। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। प्रयागराज पुलिस के मुताबिक, शुरुआती जांच में लग रहा है कि तरुण कुमार बीमारी से तंग आकर सुसाइड कर लिया। घर वालों को जानकारी दे दी गई है।
सितंबर में हुए थे सस्पेंड, एक महीने बाद ही हो गए थे बहाल
तरुण कुमार पांडेय सितंबर 2024 में किसी कारण से सस्पेंड हो गए थे। इसके एक महीने बाद ही यानी अक्टूबर में उनकी बहाली हो गई थी। बहाल होने के बाद वो नवंबर 2024 में प्रयागराज घर आए थे। घर में वो फिसलकर गिर गए थे, जिससे उनके स्पाइनल कार्ड में गहरी चोट लग गई थी। इसके बाद उन्होंने छह माह का मेडिकल ले लिया था। उनका अस्पताल में इलाज चला और उसके बाद दिल्ली में लंबा इलाज चला। 3 महीने पहले उनका दिल्ली में एक बड़ा ऑपरेशन हुआ था। इसके बाद वो चलने-फिरने लगे थे।