Edited By Deepika Rajput,Updated: 20 Jun, 2019 11:20 AM
पुलिस को लेकर हमारे मन में हमेशा एक नकारात्मक छवि ही रहती है, लेकिन कई बार वह ऐसे काम भी कर देती है जो इंसानियत की मिसाल पेश करते हैं। ऐसा ही उदाहरण यूपी के वाराणसी में देखने को मिला है। यहां एक पुलिसकर्मी ने रात के 3 बजे अजनबी पिता के 9 दिन के बेटे...
वाराणसीः पुलिस को लेकर हमारे मन में हमेशा एक नकारात्मक छवि ही रहती है, लेकिन कई बार वह ऐसे काम भी कर देती है जो इंसानियत की मिसाल पेश करते हैं। ऐसा ही उदाहरण यूपी के वाराणसी में देखने को मिला है। यहां एक पुलिसकर्मी ने रात के 3 बजे अजनबी पिता के 9 दिन के बेटे की जान बचाने के लिए अपना खून दिया।
महमूरगंज इलाके में स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में बिहार के रहने वाले एक व्यक्ति का 9 दिन का बेटा भर्ती है। मंगलवार रात डॉक्टरों ने जांच के बाद नवजात की जान बचाने के लिए खून चढ़ाने को कहा। पिता तुरंत ही अस्पताल से निकलकर खून लेने ब्लड बैंक पहुंचा, लेकिन नियम के अनुसार जितना खून चाहिए होता है उतना ही डोनेट करना होता है। बेटे की जान बचाने के लिए पिता खून देने के लिए तैयार हो गया, लेकिन ब्लड बैंक ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए खून लेने से इनकार कर दिया। जिसके बाद वह फूट-फूटकर रोने लगे।
CO ने किया सम्मानित
यह देख चेतगंज थाने के सिपाही राकेश सरोज ने रोने की वजह पूछी। वजह पता चलने पर राकेश ने अपना खून दिया। नवजात के पिता ने सिपाही को इस कार्य के लिए धन्यवाद भी दिया। वहीं जब अफसरों को इस बात की जानकारी मिली तो चेतगंज सीओ अंकिता सिंह ने राकेश को बुलाकर सम्मानित किया।