किसानों को चेतावनी, अगर जलाई पराली तो नहीं मिलेगा इस खास योजना का लाभ

Edited By Anil Kapoor,Updated: 23 Nov, 2022 03:21 PM

up government s warning to farmers who burn stubble

उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग ने चेतावनी दी है कि वह उन किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि (PMKSN) का लाभ देना बंद कर देगा, जो पराली जलाने में लिप्त पाए जाते हैं, जिससे वायु प्रदूषण....

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग ने चेतावनी दी है कि वह उन किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि (PMKSN) का लाभ देना बंद कर देगा, जो पराली जलाने में लिप्त पाए जाते हैं, जिससे वायु प्रदूषण होता है। इस तरह की पहली कार्रवाई देवरिया से सामने आई है, जहां बार-बार चेतावनी के बावजूद  पराली जलाने के आरोप में विभाग ने 9 किसानों को नोटिस थमा दिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि किसानों को पराली जलाने से पीछे करने के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि यह उन किसानों के लिए सिर्फ एक चेतावनी है जो राज्य सरकार के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं।

किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए उठाया गया यह कदम
जानकारी मुताबिक विशेषज्ञों ने कहा कि पीएमकेएसएन के तहत अनुदान रोकने की धमकी योजना के तहत पंजीकृत लगभग 2.83 करोड़ किसानों को डराने के लिए बाध्य है। अधिकारियों ने कहा कि हालांकि राज्य सरकार को किसानों को केंद्रीय अनुदान रोकने की अनुमति देने का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन यह उपाय किसानों को सावधान करेगा। यह कदम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अधिकारियों को पराली जलाने के दुष्प्रभावों के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए जिलेवार शिविर लगाने के लिए कहने के कुछ दिनों बाद आया है। दरअसल, योगी आदित्यनाथ ने पराली में यूरिया और पानी मिलाकर किण्वन करने का सुझाव दिया था।

विभाग पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के लिए कर रहा कड़ी कार्रवाई 
संयुक्त निदेशक, कृषि, आर.के. सिंह ने कहा कि विभाग राज्य में पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के लिए कड़ी कार्रवाई कर रहा है। स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी सुधार की गुंजाइश है। अधिकारियों ने कहा कि जिला अधिकारियों द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने, 2,500 से 15,000 रुपए के बीच जुर्माना लगाने और कृषि उपकरणों को जब्त करने सहित कड़ी कार्रवाई की गई है। हालांकि, फसल अवशेषों को जलाने के कई मामले सामने आए हैं। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस महीने की शुरुआत तक राज्य भर से पराली जलाने की करीब 800 घटनाएं दर्ज की गई थीं। उत्तर प्रदेश कृषि अवशेष (40 मीट्रिक टन) का उच्चतम उत्पादक है, इसके बाद महाराष्ट्र (31 मीट्रिक टन) और पंजाब (28 मीट्रिक टन) का स्थान है। वास्तव में, राज्य सरकार ने आवारा पशुओं के आश्रय गृहों में पराली के परिवहन के लिए वित्त पोषण का प्रस्ताव किया था।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!