वाराणसी के लापता युवक का मामला गरमाया, यूपी DGP से जवाब तलब.... जानिए क्या है पूरा मामला

Edited By Anil Kapoor,Updated: 17 Jun, 2025 08:02 AM

up dgp asked to respond in the case of missing youth from varanasi

Prayagraj News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी से 21 वर्षीय युवक के लापता होने के मामले में प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। उक्त निर्देश पारित करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति हरवीर सिंह...

Prayagraj News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी से 21 वर्षीय युवक के लापता होने के मामले में प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। उक्त निर्देश पारित करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति हरवीर सिंह की पीठ ने कहा कि सुनवाई की तिथि 12 जून तक इस मामले में प्रगति की कमी देखना दुर्भाग्यपूर्ण है जबकि लापता युवक का पता लगाने के लिए 7 जून को एक पुलिस टीम गठित की गई। इससे पूर्व अदालत ने लोक शिकायतें प्राप्त करने और उसका निस्तारण करने से बचने के लिए पुलिस अधिकारियों की कड़ी आलोचना की थी।

अदालत ने पुलिस की ठोस प्रगति ना होने पर नाराजगी जताई
मिली जानकारी के मुताबिक, अदालत ने 12 जून के अपने आदेश में कहा कि आज जब सुनवाई हो रही है, इस अदालत के संज्ञान में कोई ठोस प्रगति नहीं लाई गई। यह देखना कहीं अधिक दुर्भाग्यपूर्ण है कि 7 जून को टीम गठित किए जाने के बाद आज की तिथि तक कोई प्रगति पुलिस द्वारा नहीं की गई। अदालत नितेश कुमार नाम के व्यक्ति द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी। नितेश ने अपने भाई के लापता (कथित अपहरण) के संबंध में याचिका दायर की है और उसका दावा है कि वाराणसी के संबंधित पुलिस अधिकारी उसके भाई का पता नहीं लगा रहे हैं। 

अदालत ने पुलिस की उदासीनता पर चिंता जताई, अगली सुनवाई 9 जुलाई को
इससे पूर्व, 4 जून को याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा था कि अपह्रत व्यक्ति का अगर तत्काल पता नहीं लगाया जाता और उस व्यक्ति की हत्या कर दी जाती है तो प्रथम दृष्टया इसकी जिम्मेदारी उस पुलिस अधिकारी पर तय की जानी चाहिए जिसके तहत अपहरण की रिपोर्ट दर्ज की गई है। अदालत के निर्देश के बाद 7 जून को एक पुलिस टीम का गठन किया गया था। हालांकि, वाराणसी के पुलिस आयुक्त ने अदालत को बताया कि लापता युवक को अब तक बरामद नहीं किया गया है। अदालत ने 4 जून के आदेश में कहा था कि कि पुलिस आमतौर पर अपहरण के मामलों में उदासीनता दिखाती है क्योंकि उन पर कोई व्यक्तिगत जवाबदेही तय नहीं होती। जवाबदेही की कमी से अक्सर अपह्रत व्यक्ति की हत्या कर दी जाती है। अदालत ने इस मामले की नए सिरे से सुनवाई करने के लिए नौ जुलाई, 2025 की तिथि निर्धारित की।

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