Triple test: जानिए ट्रिपल टेस्ट के बाद OBC को कैसे मिलेगा यूपी निकाय चुनाव में आरक्षण का लाभ, पढ़ें पूरी खबर

Edited By Ramkesh,Updated: 01 Jan, 2023 04:02 PM

triple test obc will get the benefit of reservation in up body elections

Triple test यूपी के स्थानीय निकाय चुनाव में  OBC आरक्षण खत्म करने के बाद से मामला सियासती रंग पकड़ लिया है। वहीं इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ ने सरकार को आदेश दिया कि नियत समय पर सरकार चुनाव कराएं। कोर्ट ने सभी ओबीसी सीटों को जनरल मानते हुए चुनाव कराने...

लखनऊ: यूपी के स्थानीय निकाय चुनाव में  OBC आरक्षण खत्म करने के बाद से मामला सियासती रंग पकड़ लिया है। वहीं इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ ने सरकार को आदेश दिया कि नियत समय पर सरकार चुनाव कराएं। कोर्ट ने सभी ओबीसी सीटों को जनरल मानते हुए चुनाव कराने का आदेश दिए है।  वहीं कोर्ट ने सरकार को निर्देशित करते हुए कहा कि  ट्रिपल टेस्ट  (पिछड़ेपन की प्रकृति और निहितार्थ की कठोर जांच ) के बाद ही सरकार ओबीसी को रिजर्वेशन का लाभ दे सकती है।

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 OBC आरक्षण के लिए सरकार ने आयोग का किया गठन
कोर्ट के आदेश के बाद दो दिन बाद ही इस मामले में पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर दिया। सरकार ने अपने आदेश में कहा कि संविधान में दिए गए अधिकारों के तहर ओबीसी को आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित पिछड़ा वर्ग आयोग की पहली बैठक शनिवार को हुई जिसमें प्रदेशव्यापी सर्वेक्षण के संबंध में नीतियों और प्रक्रियाओं पर विमर्श हुआ और उम्मीद जताई गई कि जनप्रतिनिधि उचित जानकारी मुहैया कराएंगे।द्य

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 OBC आयोग के अध्यक्ष  राम अवतार सिंह बोले, उच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का होगा पालन
आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह ने कहा कि आयोग डेटा संग्रह के लिए प्रत्येक जिले में जाएगा और जिलाधिकारियों से संपर्क करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग को उम्मीद है कि उसका काम छह महीने में पूरा हो जाएगा। अध्यक्ष ने कहा कि आयोग अन्य राज्यों जैसे बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में किए गए कार्यों को देखेगा और जानेगा कि वहां क्या प्रक्रिया अपनाई गई है। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सिंह ने बताया कि निकाय चुनाव विषयक अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का  पालन किया जाएगा।

तीन माह आयोग देगा रिपोर्ट
उन्होंने कहा कि आयोग अपनी पहली रिपोर्ट अगले तीन माह में जमा कर देगा और उसके उपरांत 2-3 माह की अवधि में शेष आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आयोग का गठन छह माह की अवधि के लिए किया है,तय समय में कार्य पूरा कर लिया जाएगा। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सिंह ने कहा कि सर्वेक्षण में सटीक डेटा प्राप्त हो, इसके लिए आयोग की टीम सभी 75 जिलों में जाएगी तथा जिला प्रशासन से सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के परिणाम त्रुटिहीन हों, इसके लिए जनप्रतिनिधियों से भी सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे। उनका कहना था कि टीम जब जिलों में जाएगी, तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी संवाद-संपर्क करेगी। उनके अनुसार साथ ही, आवश्यकतानुसार आयोग के सदस्य सचिव की ओर से फोन नम्बर भी जारी किए जा सकते हैं। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सिंह ने कहा कि शनिवार की बैठक में सभी सदस्यों की उपस्थिति रही तथा एक सदस्य की उपस्थिति वर्चुअल माध्यम से हुई।

सरकार ने पांच सदस्यीय टीम का किया है गठन 
उन्होंने बताया कि आयोग ने अब विधिवत कामकाज शुरू कर दिया है, बैठक हर दिन होगी। उनका कहना था कि यह बिल्कुल नया कार्य है, ऐसे में सभी बिंदुओं पर गहन विचार-विमर्श के बाद ही कार्यवाही की जाएगी। इस आयोग के अन्य चार सदस्य सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी चोब सिंह वर्मा और महेंद्र कुमार, पूर्व अपर विधि परामर्शी संतोष कुमार विश्वकर्मा और बृजेश कुमार सोनी हैं। आयोग के सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल से मंजूरी के बाद की गई है। नगर विकास विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, इस आयोग का कार्यकाल अध्यक्ष और सदस्यों के पदभार ग्रहण करने के दिन से छह महीने के लिए होगा। उल्लेखनीय है कि इस आयोग का गठन इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार के शहरी स्थानीय निकाय चुनावों पर मसौदे को खारिज कर देने और ओबीसी को बगैर आरक्षण दिए स्थानीय निकाय चुनाव कराने का आदेश दिए जाने के बाद किया गया है ।

जानिए क्या है ट्रिपल टेस्ट?
1- राज्य के भीतर स्थानीय निकायों के रूप में पिछड़ेपन की प्रकृति और निहितार्थ की कठोर जांच करने के लिए एक आयोग की स्थापना।
2- आयोग की सिफारिशों के मुताबिक स्थानीय निकाय-वार प्रावधान किए जाने के लिए आवश्यक आरक्षण के अनुपात को निर्दिष्ट करना, ताकि अधिकता का भ्रम न हो।
3- किसी भी मामले में ऐसा आरक्षण अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के पक्ष में आरक्षित कुल सीटों के कुल 50% से अधिक नहीं होगा।

इस प्रकार है आरक्षण की व्यवस्था
दरअसल,  भारत सरकार OBC वर्ग को उनके सामाजिक और शैक्षिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए रोजगार और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 27% आरक्षण के हकदार हैं। निकाय चुनाव में OBC उम्मीदवारों के लिए 27% सीटें रिजर्व करने का ऐलान कर चुका है। वर्तमान में 15% सीटें SC, 20% ST सीटें रिजर्व हैं। अब उत्तर प्रदेश सरकार नए सर्वे के बाद ही निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण का लाभ देगी।

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