Edited By Pooja Gill,Updated: 18 Jul, 2025 04:19 PM

वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनजातीय समाज को भारत की सनातन परंपरा का आधार बताते हुए कहा कि यह समाज हर कालखंड में देश की रक्षा और संस्कृति के संरक्षण के लिए अग्रिम पंक्ति में खड़ा रहा है...
वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनजातीय समाज को भारत की सनातन परंपरा का आधार बताते हुए कहा कि यह समाज हर कालखंड में देश की रक्षा और संस्कृति के संरक्षण के लिए अग्रिम पंक्ति में खड़ा रहा है। योगी ने अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे के दूसरे दिन वसंत महिला महाविद्यालय में जनजातीय गौरव बिरसा मुंडा पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने जनजातीय समाज को भारत का मूल समाज बताते हुए इसके ऐतिहासिक योगदान पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने समाज में विभेद पैदा करने वालों पर भी कड़ा प्रहार किया।
'जातियों में विभेद और संघर्ष को बढ़ावा दे रहे हैं'
सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर जातियों में विभेद और संघर्ष को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसे रोकने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भगवान राम वनवास में थे और माता सीता का अपहरण हुआ, तब उनके पास अयोध्या या जनकपुर की सेना नहीं थी। उस समय जनजातीय समाज ने उनके साथ मिलकर रावण के खिलाफ युद्ध लड़ा। इसी तरह, महाराणा प्रताप ने अरावली के जंगलों में भटकते हुए जनजातीय समाज के सहयोग से अपनी सेना का पुनर्गठन किया और अकबर से युद्ध किया। छत्रपति शिवाजी ने भी वनवासी समाज के सहयोग से हिंदवी साम्राज्य की स्थापना की।
'जनजातीय समाज ने हमेशा भारत की विरासत...'
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय समाज ने हमेशा भारत की विरासत और धरोहर को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि हमने अक्सर देश की वर्तमान स्वतंत्रता को ही राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में देखा, लेकिन जनजातीय समाज ने हर युग में सनातन धर्म की रक्षा के लिए संघर्ष किया। बिरसा मुंडा ने अल्पायु में धरती माता और गुलामी की बेड़यिों को तोड़ने का संदेश दिया, जो आज भी प्रेरणा देता है। योगी ने समाज में विभेद पैदा करने वालों पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर जातियों और समुदायों के बीच संघर्ष की स्थिति पैदा कर रहे हैं।