बैंक ने शिक्षकों से ऋण का वसूली का आदेश लिया वापस, अखिलेश बोले- ये सरकार की साजिश परंतु युवाओं के आक्रोश के आगे ये फ़रमान ...

Edited By Ramkesh,Updated: 21 Aug, 2024 03:44 PM

the bank withdrew the order to recover the loan from the teachers

69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण में हुई गड़बड़ी के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मेरिट लिस्ट को दोबारा जारी करने का आदेश दिया है। इसके बाद से कुछ अभ्यर्थियों की नौकरी जाने का खतरा मना रहा है। ऐसे में बांदा डिस्ट्रिक्ट कॉपरेटिव बैंक ने भर्ती...

लखनऊ: 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण में हुई गड़बड़ी के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मेरिट लिस्ट को दोबारा जारी करने का आदेश दिया है। इसके बाद से कुछ अभ्यर्थियों की नौकरी जाने का खतरा मना रहा है। ऐसे में बांदा डिस्ट्रिक्ट कॉपरेटिव बैंक ने भर्ती हुए शिक्षकों से, बैंक से लिए गए किसी भी प्रकार के ऋण की वसूली का फ़रमान जारी कर दिया है। इसे लेकर अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोला है।

लोन का रास्ता बंद करना एक साजिश
उन्होंने कहा कि यह किसी भी प्रकार के लोन का रास्ता बंद करने की साजिश रची परंतु युवाओं के आक्रोश के आगे ये फ़रमान एक दिन भी टिक नहीं पाया और भाजपा सरकार को इसे भी रद्द करने का आदेश निकालना पड़ गया लेकिन याद रहे उप्र की भाजपा सरकार ये काम मन से नहीं दबाव से कर रही है, इसलिए इस आदेश को पूरी तरह रद्द नहीं बल्कि कुछ समय के लिए स्थगित मानकर इसका भरपूर विरोध जारी रखना चाहिए। वैसे तात्कालिक रूप से ये युवा विरोधी भाजपा के विरूद्ध युवा-शक्ति की एकता की जीत है। जिन भर्ती हुए शिक्षकों ने अपने घर-परिवार और बाकी सामान के लिए नौकरी की निरंतरता की उम्मीद पर कुछ लोन लिया था तो क्या अब ये सरकार उनके घरों और सामानों को कब्जे में लेने की साज़िश कर रही है। ये निहायत शर्मनाक कृत्य है कि भाजपा परिवारों को दुख-दर्द देकर सत्ता की धौंस दिखाना चाहती है।

 शिक्षकों के सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचा रही सरकार 
शिक्षक भर्ती में उप्र की भाजपा सरकार की बदनीयत की जिस तरह फ़ज़ीहत हुई है, शायद उसका बदला वो अभ्यर्थियों से लेना चाहती थी। तभी ऐसे फ़रमान निकलवा रही है। इससे पहले से ही नौकरी खोने के डर से डरे हुए शिक्षकों पर अत्यधिक मानसिक दबाव बढ़ेगा। जब इन लोन की वसूली के लिए बैंक उनके घरों पर जाएगा तो उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुँचेगी। इसके दूरगामी नकारात्मक परिणाम निकलेंगे क्योंकि आर्थिक-सामाजिक-मानसिक रूप से प्रभावित शिक्षक का असर शिक्षण पर भी पड़ेगा, जिससे प्रदेश के बच्चों की शिक्षा और उनका भविष्य भी प्रभावित होगा।

जनता और परिवारवालों को दुख देकर न जाने भाजपा को क्या सुख मिलता ?
इसका एक गहरा आघात भर्ती हुए उन शिक्षकों के जीवन पर भी पड़ेगा, जिन्होंने विवाह करके अपना नया-नया वैवाहिक जीवन शुरू किया था और अपने परिवार को पालन-पोषण इसी नौकरी के आधार पर कर रहे थे। वैवाहिक जीवन की ज़िम्मेदारी सिर्फ़ परिवार वाले ही जानते हैं।  जनता और परिवारवालों को दुख देकर न जाने भाजपा को क्या सुख मिलता है।

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