टूटी झोपड़ी में रहने वाली 95 वर्ष की 'अम्मा' की एक जुबान पर हो जाता है विधायकों की हार-जीत का फैसला

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 02 Jan, 2022 06:06 PM

the 95 year old amma who lives in a broken hut decides on

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव बेहद करीब है, जिसके चलते सभी की नजर होने वाले चुनावों पर बनी हुई है। इन चुनावों के नतीजों पर ही आने वाला भविष्य तय होगा, लेकिन जुही कोठी

प्रयागराजः उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव बेहद करीब है, जिसके चलते सभी की नजर होने वाले चुनावों पर बनी हुई है। इन चुनावों के नतीजों पर ही आने वाला भविष्य तय होगा, लेकिन जूही कोठी गांव में एक ऐसी बुर्जुग महिला है, जो कि विधायकों की जीत-हार का फैसला खुद करती है। जूही कोठी गांव में वोट देने पर किसी से जोर-जबरदस्ती नहीं की जाती। सभी आदिवासी लोग दुइजी अम्मा की सेवा और समर्पण के कारण उनकी हर बात मानते हैं।  

जानकारी के अनुसार जूही कोठी गांव बार विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है, यह आदिवासी बाहुल्य सभा क्षेत्र है। जहां 95 वर्ष की दुइजी अम्मा रहती है। दुइजी अम्मा कोल समुदाय की हैं, जो इलाके का सबसे बड़ा आदिवासी समुदाय है। अम्मा टूटी झोपड़ी में अपने परिवार के 20 लोगों को साथ रहती है। जिसमें से 4 लड़के और 5 लड़कियां हैं। वे जंगल से ताड़ और खजूर के पत्ते लाकर उनसे झाड़ू बनाती हैं और पड़ोस के गांव में बेचती हैं। उन्होंने 20 साल तक गरीबों के लिए लड़ाई लड़ी और जिसके बाद अम्मा ने एक स्कूल को 6 साल तक चलाया। अम्मा गांव वालों को झगड़ों का समाधान करती है। जिससे गांव वालों का अम्मा के प्रति प्रेम बढ़ गया। उसके बाद से अम्मा जिसे चुनती हैं गांव के वोटर उसी को वोट देते हैं।

वहीं चुनाव के समय में सभी नेता जूही कोठी में आते हैं। जहां वे प्रचार के लिए अम्मा को अपने साथ लेकर जाते है। वे सभी से मिलती है और स्वागत करती है। अब के समय में दुईजी अम्मा बेड पर पड़ी हुई हैं। जिसके बाद गांव वालों का प्रेम अम्मा के प्रति बना हुआ है। निजी चैनल से अम्मा से बातचीत के दौरान पता चला है कि इस बार भी बारा विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी की ही जीत होगी।

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