Edited By Harman Kaur,Updated: 27 Jan, 2023 11:26 AM
समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) द्वारा रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर दिए गए विवादित बयान को लेकर शुरू हुआ बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है...
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) द्वारा रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर दिए गए विवादित बयान को लेकर शुरू हुआ बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इसी बीच कयास लगाए जा रहे है कि 2024 से पहले ही स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी छोड़ देंगे लेकिन अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने इन सभी बातों को नकारते हुए कहा है कि सपा में हूं, सपा में रहूंगा।
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'जिसे मैं छोड़कर आता हूं, वहां पलटकर भी नहीं देखता'
दरअसल स्वामी प्रसाद मौर्य के द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए बयान को लेकर सब कह रहें है कि अखिलेश यादव को मौर्य को सपा से बाहर निकाल देना चाहिए। इसके साथ ही कयास लगाए जा रहे है कि मौर्य घाट-घाट का पानी पीने के बाद अब सपा छोड़कर वापस बसपा में लौट सकते हैं। इसी को लेकर अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक निजी न्यूज़ चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि जिसे मैं छोड़कर आता हूं, वहां पलटकर भी नहीं देखता। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि मैं सपा में हूं, सपा में रहूंगा। कोई कुछ भी कयासबाजी लगाए, उनके हाथ कुछ आने वाला नहीं है।
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जानें क्या था विवाद?
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। उन्होंने कहा कि सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरितमानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। उनके द्वारा दिए गए इस बयान के बाद से ही सभी लोग और नेता भड़क उठे और उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। इसी के चलते उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री रघुराज सिंह ने तो मौर्य के लिए फांसी की मांग कर डाली। वहीं, अखिलेश यादव द्वारा इस मुद्दे पर चुप्पी साधने को लेकर मौर्य ने कहा कि मामला कोई इतना बड़ा नहीं है, इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष कुछ नहीं बोले। अच्छी बात है कि 'मौनं स्वीकृति: लक्षणम्' अर्थात उनकी मौन स्वीकृति है।