Edited By Ajay kumar,Updated: 15 Feb, 2020 09:42 AM
उत्तर प्रदेश सरकार सरकार द्वारा मस्जिद के लिए ज़मीन देने की घोषणा के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस मामले में विचार कर के क्यूरेटिव पेटीशन दाखिल करने का मन बना रहा है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार सरकार द्वारा मस्जिद के लिए ज़मीन देने की घोषणा के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस मामले में विचार कर के क्यूरेटिव पेटीशन दाखिल करने का मन बना रहा है। इसके लिए बोर्ड ने 24 फरवरी को सुन्नी वक्फ बोर्ड के दफ्तर में सभी 8 सदस्यों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में सरकार की ओर से मस्जिद के लिए मिली 5 एकड़ जमीन पर सुन्नी वक्फ बोर्ड सदस्यों से चर्चा के बाद निर्णय लेगा कि इस जमीन को कैसे प्रयोग में लाना है।
वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक में तय होगा कि सरकार की ओर से मिली जमीन को लेना है या नहीं और अगर लेना है तो इस पर क्या बनाना है? इसको कैसे प्रयोग में लाना है? सरकार से मिली जमीन पर मस्जिद के साथ किन संस्थानों का निर्माण किया जाए, इस पर भी बैठक में चर्चा होने की संभावना है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत प्रदेश सरकार ने अयोध्या के रौनाही में सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन दी है।
उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारुकी ने अनौपचारिक बातचीत में कहा कि पहले पूर्ण रूप से जमीन हमे मिले तो उसके बाद हम आगे की रूपरेखा तय करेंगे। जमीन पर क्या निर्माण किया जाएगा मस्जिद, हॉस्पिटल, या फिर स्कूल इस पर फैसला बैठक में लिया जाएगा।
आपको बता दें कि अभी मौजूदा वक्त में बोर्ड के कुल 8 सदस्य हैं। सुन्नी वक्फ बोर्ड में अध्यक्ष फारूकी समेत कुल 8 सदस्य हैं, जिनमें 2 सदस्य इमरान खान और अब्दुल रज्जाक खान बार काउंसिल से हैं। एक सदस्य मोहम्मद जुनैद सिद्दीकी सरकार की ओर से मनोनीत हैं। विधायक अबरार अहमद के अलावा अदनान फारुख शाह, जुनैद सिद्दीकी और सैयद अहमद अली बोर्ड में शामिल हैं। फिलहाल 24 फरवरी के बाद ही साफ हो पाऐगा कि मस्जिद के लिए मिली जमीन पर क्या फैसला सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य सदस्य लेते है।