Edited By Pooja Gill,Updated: 16 Feb, 2023 04:01 PM

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University) छात्रसंघ भवन (Student Union Building) पर छात्रसंघ बहाली, 400% फीस वृद्धि व कुलपति की अवैध नियुक्ति के खिलाफ चल रहे आंदोलन 940 वें दिन भी जारी रहा। इस आंदोलन की...
प्रयागराज (सैयद रजा): उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University) छात्रसंघ भवन (Student Union Building) पर छात्रसंघ बहाली, 400% फीस वृद्धि व कुलपति की अवैध नियुक्ति के खिलाफ चल रहे आंदोलन 940 वें दिन भी जारी रहा। इस आंदोलन की अगुवाई छात्र नेता अजय यादव सम्राट ने की है। इसी के चलते आज आंदोलनकारियों ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के केंद्रीय लाइब्रेरी के गेट पर बैठ कर राष्ट्रपति भारत गणराज्य, राज्यपाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आंदोलन को संज्ञान में लेने और विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार विभिन्न अनियमितताओं को संज्ञान में लेने के लिए रक्त पत्र लिखा है।
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बता दें कि कि छात्र नेता अजय सम्राट ने कहा कि, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अघोषित आपातकाल चल रहा है। विश्वविद्यालय में पूर्ण रूप से तानाशाही का अंधकार व्याप्त है, इस अंधकार को दूर करने के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय में खून का एक कतरा बहाने के लिए छात्र मजबूर हो रहे हैं। वहीं, छात्रों ने कहा कि, इलाहाबाद विश्वविद्यालय की केंद्रीय लाइब्रेरी सदियों पुरानी लाइब्रेरी है, इसी लाइब्रेरी से पढ़कर निकले लोग इस देश का नेतृत्व कर रहे हैं। आज भी देश के कोने-कोने में और उच्च पदों पर विराजमान हैं। केंद्रीय लाइब्रेरी में जर्नल और अध्ययन सामग्री ना के बराबर है, जो है वह भी पुराने जमाने की है। लाइब्रेरी किताबों की कमी से जूझ रहा है, छात्र छात्राओं को बिना अध्ययन सामग्री के पढ़ाई करने में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।
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छात्रों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल को लिखा पत्र
दूसरी तरफ छात्रों का कहना है कि, कंप्यूटर लैब में कंप्यूटर नहीं है। कंप्यूटर लैब में जो भी कंप्यूटर है, वह कहीं न कहीं टेक्निकल रूप से ध्वस्त हो चुके हैं। छात्र छात्राओं को बैठने के लिए लाइब्रेरी में पर्याप्त मात्रा में कुर्सी नहीं है, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। जिससे छात्र छात्राओं के पठन-पाठन में काफी व्यवधान उत्पन्न हो रहे हैं। छात्र छात्राओं के लिए टॉयलेट की व्यवस्था भी ठीक नहीं है। इस मामले में गंभीरतापूर्वक संज्ञान लेने के लिए छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल को पत्र लिखा है।