कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद: इलाहाबाद HC ने 23 मई को तय की अगली तारीख, तनाव के बीच विवाद ने बढ़ाया सस्पेंस

Edited By Anil Kapoor,Updated: 07 May, 2025 08:32 AM

next hearing in krishna janmabhoomi shahi idgah case on may 23

Mathura News: मथुरा स्थित कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सुनवाई टाल दी और अगली तिथि 23 मई, 2025 निर्धारित की। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा द्वारा की जा रही है। जब इस मामले में...

Mathura News: मथुरा स्थित कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सुनवाई टाल दी और अगली तिथि 23 मई, 2025 निर्धारित की। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा द्वारा की जा रही है। जब इस मामले में सुनवाई शुरू हुई, मुस्लिम पक्ष ने वाद संख्या 1 और 16 में संशोधित आवेदन के खिलाफ अतिरिक्त जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा।

सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिकाओं के चलते फिर टली सुनवाई
मिली जानकारी के मुताबिक, अदालत को बताया गया कि विभिन्न आदेशों के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष याचिकाएं दायर कर रखी हैं जो लंबित हैं और उच्चतम न्यायालय द्वारा कोई आदेश पारित किए जाने तक इस मामले में सुनवाई टाली जाए। हिंदू पक्ष ने इसका विरोध किया। हालांकि अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 23 मई निर्धारित की। उल्लेखनीय है कि हिंदू पक्ष ने शाही ईदगाह ढांचा हटाने के बाद जमीन का कब्जा लेने और वहां मंदिर बहाल करने के लिए 18 मुकदमे दाखिल किए हैं। इससे पूर्व, एक अगस्त, 2024 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हिंदू पक्षों द्वारा दायर इन मुकदमों की पोषणीयता (सुनवाई योग्य) को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी थी।

अदालत ने पहले भी खारिज की थीं मुस्लिम पक्ष की आपत्तियां
बताया जा रहा है कि अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि ये मुकदमे समय सीमा, वक्फ अधिनियम और उपासना स्थल अधिनियम, 1991 से बाधित नहीं हैं। उपासना स्थल अधिनियम किसी भी धार्मिक ढांचे को जो 15 अगस्त, 1947 को मौजूद था, उसे परिवर्तित करने से रोकता है। अदालत ने 23 अक्टूबर, 2024 को कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में 11 जनवरी, 2024 के आदेश को वापस लेने के अनुरोध वाली मुस्लिम पक्ष की अर्जी खारिज कर दी थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 11 जनवरी, 2024 के अपने निर्णय में हिंदू पक्षों द्वारा दायर सभी मुकदमों को समेकित कर दिया था। यह विवाद मथुरा में मुगल सम्राट औरंगजेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़ा है जिसे कथित तौर पर भगवान कृष्ण के जन्म स्थान पर एक मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बनाया गया है।

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