Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 24 Jan, 2021 08:48 AM
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट के संबंध में सभी मंत्रियों और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की और 500 करोड़ रुपये से अधिक के सालाना बजट...
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट के संबंध में सभी मंत्रियों और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की और 500 करोड़ रुपये से अधिक के सालाना बजट वाले विभागों की समीक्षा की। अपने सरकारी आवास पर शनिवार को आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने मंत्रियों और अधिकारियों को बजट के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक योगी ने कहा,'' युवाओं को रोज़गार से जोड़ने के हमारे प्रयास सफल रहे हैं और यह क्रम सतत जारी रहे। कोई भी सरकारी नीति अथवा नई योजना शुरू करने में रोज़गार सृजन को आवश्यक तत्व के रूप में प्राथमिकता दी जाए।'' मंत्रियों को अपनी विभागीय प्रगति से जनता को अवगत कराने के दिशा निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘हमारी जवाबदेही जनता के प्रति है और प्रभारी मंत्री अपने लिए तय जिलों में नियमित भ्रमण करते रहें, योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करें। विभागीय मंत्री नियमित अंतराल पर केंद्रीय मंत्रालयों से संपर्क करते रहें।''
योगी ने कहा,‘‘नए बजट के केंद्र में लोक कल्याण की भावना ही होगी और यह कार्य तेजी से जारी है। सभी विभाग शत-प्रतिशत उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजना सुनिश्चित करें और केंद्र से सामंजस्य स्थापित कर अवशेष धनराशि प्राप्त करें।'' मुख्यमंत्री ने आम जन की सुविधा को लक्ष्य बनाने और सौभाग्य अथवा दीन दयाल उपाध्याय योजना के जरिये विद्युतीकरण के अधूरे कार्यों को तेजी से पूरा करने पर जोर दिया।
योगी ने खासतौर से कहा कि ओवरबिलिंग और स्मार्ट मीटर से जुड़ी उपभोक्ताओं की शिकायतें बंद हों और मीटर रीडिंग करने वालों की भी जवाबदेही तय हो, साथ ही जिनसे बिजली खरीद रहे हैं उनका समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल सीमा सामरिक रूप से हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और इस क्षेत्र की सड़कों से जुड़ी परियोजनाएं शीघ्रता से पूरी की जाएं। उन्होंने विभागों को परियोजनाओं के लक्ष्य सौंपे और अधूरे कार्यों को पूरा करने पर जोर दिया।
सीएम योगी ने कहा कि सरयू नहर परियोजना और मध्य गंगा परियोजना को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू हो चुका है और इसे तत्परता के साथ किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा पराली प्रबंधन और ठोस कचरा प्रबंधन के लिए समन्वित कार्ययोजना बनाये जाने की जरूरत है; पराली प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार की सहायता भी प्राप्त हो रही है।