UP के मुख्य सचिव ने स्टेशनरी के अनुशासित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश

Edited By Mamta Yadav,Updated: 05 Aug, 2022 08:06 PM

strict instructions given to officers to promote disciplined use of stationery

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने विभागीय कामकाज में इस्तेमाल होने वाली स्टेशनरी सामग्री के अनुशासित इस्तेमाल को बढ़ावा देने तथा इसके कचरे को कम करके राजस्व की बचत करते हुए पर्यावरण संरक्षण के उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किये...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने विभागीय कामकाज में इस्तेमाल होने वाली स्टेशनरी सामग्री के अनुशासित इस्तेमाल को बढ़ावा देने तथा इसके कचरे को कम करके राजस्व की बचत करते हुए पर्यावरण संरक्षण के उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किये है। इसका मकसद स्वच्छ भारत मिशन के मूलमंत्र ‘रिड्यूज, रीयूज, एंड रीसाइकिल' का अनुपालन करना है।       

मिश्र ने शुक्रवार को सरकार के सभी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को जारी निर्देश में कहा है कि उनके समक्ष प्रस्तुत की जाने वाली पत्रावलियों, प्रस्तुतीकरण, कार्यवृत्त, आलेख्य आदि में प्राय: मात्र एक साइड में ही प्रिंट किया जा रहा है, जिससे स्टेशनरी का न केवल अनावश्यक दुरुपयोग होता है, बल्कि इससे पेड़ों के कटने से पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है एवं कूड़े की मात्रा बढ़ती है। उन्होंने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से अधीनस्थ समस्त विभागाध्यक्षों एवं कार्यालय प्रमुखों से अपेक्षा व्यक्त की है कि पत्रावली या पत्राचार करते समय आवश्यकतानुसार कागज के दोनों तरफ प्रिटिंग कर उपयोग किया जाए।

बैठक से पूर्व एजेंडा की सॉफ्ट कॉपी सभी संबंधितो को भेज दी जाये। अलग से हार्ड कापी दिये जाने की आवश्यकता नहीं है। इसके अतिरिक्त यथासंभव एजेंडे की केवल कुछ ही प्रतियां कागज के दोनों साइड प्रिंट की जाएं, जिसे अभिलेख के तौर पर पत्रावली में रखा जाये एवं बैठक में आवश्यकतानुसार कुछ लोगों को ही उसकी दोनों साइड पर छपी प्रतियां उपयोग हेतु दी जायें। एजेंडा बिन्दु के ऊपर प्लास्टिक कवर अथवा प्रस्तुतिकरण को प्लास्टिक फोल्डर में देने की कोई आवश्यकता नहीं है, इससे अनावश्यक रूप से प्लास्टिक का प्रचलन बढ़ता है। अपने निर्देशों में उन्होंने यह भी कहा है कि बैठक में अलग से पेपर, पेन, नोट पैड इत्यादि देने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि बैठक में आने वाला प्रत्येक व्यक्ति अपना पेन, नोट पैड इत्यादि साथ लेकर आता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें भी प्लास्टिक फोल्डर या स्टेशनरी नहीं दी जाये।       

कृषि उत्पादन आयुक्त, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त, समस्त अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं सचिवों को भेजे गये निर्देशों में उन्होंने इनके प्रति अपने मातहत कर्मचारियों को जागरुक करने को कहा है। जिससे स्टेशनरी सामग्री के उचित उपयोग को बढ़ावा देकर, अपशिष्ट को कम करके राजस्व की बचत हो सके। साथ ही पर्यावरण संरक्षण में सतत योगदान की भी दिया जा सके। मुख्य सचिव ने निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है।

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