Edited By Mamta Yadav,Updated: 13 Feb, 2023 02:10 AM
समाजवादी पार्टी में नए- नए महासचिव बनाए गए स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार चर्चा में बने हुए है... खासकर जबसे स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया है... उसके बाद से लगातार वो चर्चा में बने हुए हैं... कभी उनका विवादित बयान चर्चा...
समाजवादी पार्टी में नए- नए महासचिव बनाए गए स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार चर्चा में बने हुए है... खासकर जबसे स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया है... उसके बाद से लगातार वो चर्चा में बने हुए हैं... कभी उनका विवादित बयान चर्चा में रहता है तो कभी उनके वो ट्वीट जो उन्होंने साधु- संतो के लिए लिखा हो... साधु- संतों की नाराजगी तो चलिए थोड़ी कभी भी दिखाई दे रही है... लेकिन हिंदू समाज का एक तबका आज भी उनसे नाराज है... और माफी की मांग कर रहा है... लेकिन स्वामी तो स्वामी ठहरे... आज भी अगर उनसे अगर कोई रामचरित मानस पर सवाल करता है तो वो तपाक से पलटकर कहते हैं कि मैने जो कहा है वो सही है... स्वामी प्रसाद मौर्य आज भी अपने बयानों पर कायम हैं... आज सपा के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य सोनभद्र जाते समय मिर्जापुर के नरायनपुर पंहुचे... जहां पत्रकारों से बात करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा हमारी आपत्ति रामचरित मानस या किसी धर्म या फिर आराध्य से नहीं है... हमें तो दिक्कत बस रामचरित मानस की कुछ चौपाइयों से है... जिसमें महिलाओं, दलितों और आदिवासियों को अपमानित करने का काम किया गया है... मगर कुछ लोग इसे तिल का ताड़ बना कर दूसरी दिशा देने में जुटे है...धर्म के नाम पर अपमानित करना और गाली देना धर्म का हिस्सा नही है...
वहीं एक तरफ जहां स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बयानों पर अड़े हैं तो वहीं दूसरी और उनहीं की पार्टी में स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए बगावती सूर देखने को मिलने लगा है... साफ- साफ पार्टी के नेता उनके रामचरित मानस पर दिए बयान का खुलकर विरोध करने लगे हैं... बता दें कि दो बार से लगातार अमेठी के गौरीगंज विधानसभा के विधायक राकेश प्रताप सिंह राकेश सिंह ने अपनी ही पार्टी के एमएलसी पर प्रहार करते हुए कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य जब पिछली योगी सरकार में मंत्री थे मायावती गवर्नमेंट में कदावर नेता के रूप में जाने जाते थे, तब उन्होंने क्यों नहीं रामचरितमानस की चौपाई पर टिप्पणी की... लेकिन जब उन्होंने समाजवादी पार्टी का झंडा हाथों में लिया... तभी उन्हें रामचरितमानस की याद आई...
अब देखना होगा क्या जब समाजवादी पार्टी से ही विरोध के सुर उठेंगे तो क्या अखिलेश यादव स्वामी प्रसाद मौर्य पर कोई कार्रवाई करेंगे या नहीं... क्योंकि जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस पर विवादित बयान दिया था.. उसके बाद उन्हे राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया था... लेकिन अब देखना होगा क्या वो पार्टी से बाहर किए जाते हैं या नहीं...