Edited By Pooja Gill,Updated: 23 Jul, 2024 03:39 PM
Prayagraj News: उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई को सुधारने के लिए और स्कूलों की आधारभूत व्यवस्था को बेहतर बनाने को प्रयासरत है। इसके लिए नए एडमिशन बढ़ाने का लक्ष्य है। यह लक्ष्य सभी विद्यालयों को दिया गया है...
Prayagraj News: उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई को सुधारने के लिए और स्कूलों की आधारभूत व्यवस्था को बेहतर बनाने को प्रयासरत है। इसके लिए नए एडमिशन बढ़ाने का लक्ष्य है। यह लक्ष्य सभी विद्यालयों को दिया गया है। प्रत्येक विद्यालय में पिछले सत्र की तुलना में न्यूनतम 10 प्रतिशत अधिक पंजीयन का लक्ष्य है। लेकिन, इसके बावजूद 50 जिले ऐसे है यहां पर 5350 स्कूलों में एक भी नया एडमिशन नहीं हुआ। यह एक चौकाने वाली रिपोर्ट है।
5350 स्कूलों में नहीं हुआ एक भी नया प्रवेश
जानकारी के मुताबिक, यूपी के 50 जिलों के 5350 स्कूलों में एक भी नया प्रवेश नहीं हुआ। इसमें कक्षा एक से संबंधित 3894 विद्यालय और कक्षा छह से संबंधित बिना प्रवेश वाले 1456 स्कूल हैं। इनमें प्रयागराज में 125 परिषदीय स्कूल ऐसे हैं जहां कक्षा एक में एक भी प्रवेश नहीं हुआ जबकि 12 वित्तपोषित स्कूल शून्य नामांकन वाले हैं। कक्षा छह में बेसिक शिक्षा विभाग के 16 और वित्तपोषित स्कूल 78 अर्थात कुल 97 जूनियर स्कूलों में एक भी नया पंजीयन नहीं हुआ। वहीं, शाहजहांपुर में एक भी पंजीयन नहीं हुआ। यह जिला शून्य नामांकन वाली सूची में शीर्ष स्थान पर है। यहां सबसे अधिक 464 विद्यालय हैं जिनमें कक्षा एक में कोई प्रवेश नहीं हुआ।
इन जिलों के स्कूलों में भी नहीं हुए नए एडमिशन
इसी तरह प्रदेश के आगरा में 443, मैनपुरी में 432, बदायूं में 277, अलीगढ़ में 272, बरेली में 253, एटा में 236, मथुरा में 192, कासगंज में 135, फतेहपुर में 126, मेरठ में 118, हाथरस में 117, पीलीभीत 92, प्रतापगढ़ 84, सहारनपुर 82, मुजफ्फरनगर 81, फिरोजाबाद के 75 स्कूलों में एक भी प्रवेश नहीं हुआ। बता दें कि स्कूलों में पंजीयन बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चल रही है। इन योजनाओं में स्कूल चलो अभियान, मिड डे मील योजना, डीबीटी योजना, कायाकल्प योजना, ड्राप आउट बच्चों को दोबारा विद्यालय में लाने के लिए शारदा योजना, शारीरिक व मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष केंद्र व शिक्षा संबंधी योजनाएं हैं। नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के साथ प्रोत्साहन व पुरस्कार योजनाएं भी हैं।