Edited By Ramkesh,Updated: 03 Jan, 2025 12:25 PM
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंस में आरोपी सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, कोर्ट ने बर्क की FIR रद्द करने की मांग वाली याचिका को अदाल ने खारिज कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने...
संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंस में आरोपी सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, कोर्ट ने बर्क की FIR रद्द करने की मांग वाली याचिका को अदाल ने खारिज कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने इस मामले में बर्क को बड़ी राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा पुलिस की जांच जारी रहेगी। कोर्ट ने इस मामले में बर्क को निर्देश जारी किया है कि वह पुलिस जांच में अपना सहयोग करें।
आप को बता दें कि संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के लिए अदालत द्वारा नियुक्ति किए गए कोटर् कमिश्नर ने अपनी रिपोटर् गुरुवार को स्थानीय अदालत में दाखिल कर दी है। कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी एवं कुछ अन्य ने संभल की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए चंदौसी में स्थित जिला संभल की सिविल कोटर् में एक याचिका दाखिल की थी। याचिका पर न्यायालय ने 19 नवंबर को जामा मस्जिद का सर्वे कराने के आदेश दिए थे तथा सर्वे करने के लिए रमेश सिंह राघव एडवोकेट को नियुक्त किया था। अदालत के आदेश पर कोटर् कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने संभल पहुंचकर जामा मस्जिद का सर्वे किया मगर 19 नवंबर को सर्वे पूरा न होने पर 24 नवंबर को सुबह के समय दोबारा फिर सर्वे करने के लिए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जामा मस्जिद गए।
सर्वे के दौरान संभल में भयानक उपद्रव हुए, जिसमें पांच लोगों की मृत्यु हो गई थी। उपद्रव में अनेकों पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। गुरुवार को कोटर् कमिश्नर ने जामा मस्जिद के सर्वे की रिपोटर् सीलबंद लिफाफे में अदालत में दाखिल की है। लगभग 45 पन्नों की रिपोटर् के साथ जामा मस्जिद की वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफ भी सीलबंद लिफाफे में रिपोटर् के साथ हैं। रिपोटर् तो अदालत में दाखिल हो गई है लेकिन उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक लगा दिए जाने के कारण रिपोटर् को उच्चतम न्यायालय के अगले आदेश होने तक खोला नहीं जाएगा।