Edited By Purnima Singh,Updated: 27 Dec, 2024 07:45 PM
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले से सपा सांसद डिंपल यादव ने आज यानी शुक्रवार को पत्रकारों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों के कई सवालों का जवाब दिया। महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर कहा कि बहुत लोगों के माध्यम से सुनने में आया है जिस तरह की...
मैनपुरी (अफाक अली) : उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले से सपा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने आज यानी शुक्रवार को पत्रकारों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों के कई सवालों का जवाब दिया। प्रदेश में होने वाले आस्था के महासंगम महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर उन्होंने कहा कि बहुत लोगों के माध्यम से सुनने में आया है जिस तरह की तैयारी के साथ कुंभ होना चाहिए था, उस तरह की व्यवस्थाएं और तैयारी नहीं हो पाई हैं।
डिंपल यादव ने आगे कहा कि बहुत खेद की बात है कि उत्तर प्रदेश एक बहुत बड़ा प्रदेश है और हमें पूरी उम्मीद थी कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार है तो ये जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी और महाकुंभ हुआ था उससे बेहतर व्यवस्था कर पाएगी यह सरकार लेकिन बड़ी निराशाजनक बात है की कुंभ मेले की तैयारी उस ढंग से नहीं हो पाई है।
बटोंगे तो काटोगे के पोस्टर पर बोलीं डिंपल
कुंभ मेले में लगे पोस्टर बटोंगे तो काटोगे पर डिंपल यादव बोली कि भारतीय जनता पार्टी का खाली एक एजेंडा है कि वह किस तरह से धर्म के नाम पर वोट बटोरे। उन्हें कोई परवाह नहीं है कि आज उत्तर प्रदेश में क्या हालात हैं, क्या युवाओं के पास रोजगार है, क्या बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर पा रहे हैं, किस तरह किसान दर-दर भटक रहे हैं। मैं समझती हूं कि अब हमको समझ लेना चाहिए की सरकार जनता के लिए कुछ नहीं करने वाली है। इसी तरह के हथकंडे अपनाते हुए वोट बटोरने का काम करेगी।
'अखिलेश यादव जी को है महाकुंभ की तैयारियों का अनुभव'
कुंभ मेले में बनाए गए पुल को लेकर अखिलेश यादव द्वारा एक्स पर की गई पोस्ट पर डिंपल यादव ने कहा कि अखिलेश यादव जी जब मुख्यमंत्री थे तब महाकुंभ हुआ था और जो तैयारी की गई थी, उस समय जिस पद पर वो थे उनको इस बात का एक्सपीरियंस है, किस तरह से तैयारी होती है। पुलों की बात रही तो कितने पुल की जरूरत होती है। कुंभ में गंगा के दर्शन के लिए पूरे देश से लोग आते हैं। जिस तरह की तैयारी का अनुभव अखिलेश यादव जी तो वह अच्छी तरह से समझ सकते हैं। इस बार जो तैयारी हैं वह सही ढंग से नहीं हो पाई हैं।