Edited By Pooja Gill,Updated: 01 Dec, 2024 10:56 AM
संभल: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने यहां शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण की अनुमति देने वाली अदालत में अपना जवाब दाखिल कर दिया है, जिसमें एएसआई ने मुगलकालीन मस्जिद को संरक्षित विरासत संरचना बताते हुए उसका नियंत्रण...
संभल: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने यहां शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण की अनुमति देने वाली अदालत में अपना जवाब दाखिल कर दिया है, जिसमें एएसआई ने मुगलकालीन मस्जिद को संरक्षित विरासत संरचना बताते हुए उसका नियंत्रण व प्रबंधन सौंपने का अनुरोध किया है। एएसआई का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शर्मा ने बताया कि एएसआई ने अपना जवाब दाखिल किया है, जिसमें कहा गया है कि स्थल का सर्वेक्षण करने में उसे मस्जिद की प्रबंधन समिति और स्थानीय निवासियों से प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था।
एएसआई का तर्क है कि इमारत का नियंत्रण...
वकील विष्णु शर्मा ने बताया कि जवाब में 19 जनवरी 2018 की एक घटना का भी जिक्र किया गया है जब मस्जिद की सीढ़ियों पर मनमाने तरीके से स्टील की रेलिंग लगाने के लिए मस्जिद की प्रबंधन समिति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। साल 1920 से एएसआई के संरक्षित स्थल के रूप में अधिसूचित शाही जामा मस्जिद एएसआई के अधिकार क्षेत्र में है इसलिए एएसआई के नियमों का पालन करते हुए लोगों को मस्जिद में दाखिल होने की अनुमति दी जानी चाहिए। एएसआई का तर्क है कि इमारत का नियंत्रण व प्रबंधन तथा किसी भी तरह का संरचनात्मक बदलाव का अधिकार एएसआई के पास ही रहना चाहिए।
आने वाले दिनों में मामले पर विचार-विमर्श किए जाने की उम्मीद
शर्मा ने बताया कि एएसआई ने यह चिंता भी जताई कि प्रबंध समिति द्वारा मस्जिद के ढांचे में अनधिकृत परिवर्तन गैरकानूनी है और इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। आने वाले दिनों में अदालत द्वारा इस मामले पर विचार-विमर्श किए जाने की उम्मीद है। पिछली 24 नवंबर को संभल में स्थानीय अदालत के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर द्वारा शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किए जाने के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें चार लोग मारे गए थे। सर्वेक्षण का आदेश एक याचिका पर सुनवाई के बाद दिया गया था, जिसमें दावा किया गया है कि मस्जिद स्थल पर कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था।