Edited By Anil Kapoor,Updated: 05 Apr, 2021 09:41 AM

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि धर्म का इस्तेमाल सत्ता का सुख पाने के लिए नहीं होना चाहिए। मंदिरों को लेकर राजनीति करना अनुचित है। सत्ता जनसेवा का माध्यम है। स्वार्थसाधन का नहीं। अयोध्या तीर्थस्थल है जहां बड़ी संख्या में दर्शनार्थ...
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि धर्म का इस्तेमाल सत्ता का सुख पाने के लिए नहीं होना चाहिए। मंदिरों को लेकर राजनीति करना अनुचित है। सत्ता जनसेवा का माध्यम है। स्वार्थसाधन का नहीं। अयोध्या तीर्थस्थल है जहां बड़ी संख्या में दर्शनार्थ श्रद्धालु देश के कोने-कोने से आते हैं। इनके आने से पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ तमाम मठ-मंदिरों से जुड़े परिवारों का भी पालन होता है। उनको उजाड़ने की भाजपा सरकार की चेष्ठा शर्मनाक है।
यादव ने अयोध्या से आए उद्योग व्यापार मण्डल तथा निषाद समाज के प्रतिनिधियों से कहा कि भाजपा नफरत और समाज को बांटने का काम करती है। विकास का अर्थ विनाश नहीं होता है। गरीबों के लिए रोटी-रोजगार की व्यवस्था करने के बजाय उनको उजाड़ने का काम करने से पहले उनकी समस्याओं का समाधान भी करना चाहिए। सहमति के आधार पर काम करने का तरीका अपनाने से सछ्वाव बढ़ता है।
यादव ने कहा कि निषाद समाज लोगों की जान बचाने का पुण्य कार्य करता है। पानी में जान बचाना आसान काम नहीं। भाजपा सरकार निषाद समाज की उपेक्षा के साथ उनके जीवनयापन के साधनों पर भी रोक लगाना चाहती है। वाराणसी में उनकी नावें तक तोड़ दी गईं। समाजवादी पार्टी निषादों के साथ है। भविष्य में उनकी मदद में कतई कोताही नहीं होगी। 2022 में समाजवादी सरकार बनने पर निषाद समाज के साथ कोई अन्याय नहीं कर सकता।
यादव ने यहां जारी बयान में कहा कि निषाद समाज के लोगों ने कहा कि भाजपा राज में उनका उत्पीड़न हो रहा है। उन पर फर्जी केस लगाए जा रहे हैं। भाजपा सरकार उन पर अत्याचार कर रही है। निषाद समाज का भरोसा समाजवादी पार्टी पर है। अखिलेश के मुख्यमंत्री बनने पर ही उनकी जिंदगी सुधर सकेगी।